नई दिल्ली l प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मौजूदा केंद्र सरकार कोई भी आर्थिक सुधार मजबूरी में नहीं बल्कि उसमें भरोसे की वजह से करती है और यह सरकार राष्ट्रहित में बड़ा से बड़ा फैसला लेने को तैयार है. पीएम मोदी ने भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) की वार्षिक बैठक को संबोधित करते हुए यह बात कही.
पीएम मोदी ने कहा कि संसद के मौजूदा सत्र में भी कई ऐसे बिल पास किए गए जो काफी महत्वपूर्ण हैं. जैसे रेस्ट्रोस्पेक्टिव टैक्स बिल की कॉरपोरेट जगत काफी सराहना कर रहा है. इससे सरकार और बिजनेस जगत के बीच भरोसा काफी बढ़ा है.
बड़ा से बड़ा फैसला लेने को तैयार
उन्होंने कहा, ‘यह सरकार राष्ट्रहित में बड़ा से बड़ा फैसला लेने को तैयार है. जीएसटी जैसे बड़े सुधार पिछली सरकारें कर पाने का साहस नहीं कर पाई थीं, लेकिन इस सरकार ने इसे करने का साहस किया. हमारा लक्ष्य देश को समृद्धि और सम्मान देने का है.’
टेक्नोलॉजी को लेकर जो मांग आ रही है वह सरकार को और आर्थिक सुधारों के लिए प्रेरित कर रही है. महामारी के दौरान भी सरकार ने रिफॉर्म को बढ़ावा दिया है. कोल माइंस, डिफेंस, एटॉमिक जैसे सेक्टर को भी निजी क्षेत्र के लिए खोला गया है. सभी मुश्किल फैसले अब आसान हो रहे हैं. इन सेक्टर में जैसे-जैसे कंपनियां सक्रिय होंगी संभावनाओं का विस्तार होगा, रोजगार का सृजन होगा.
सरकार और उद्योग जगत की साझेदारी मजबूत
पीएम मोदी ने कहा, ‘ग्लोबल महामारी के इस दौर में आज की ये बैठक काफी अहम है. इतने बड़े संकट के बीच हम सरकार और उद्योग जगत की साझेदारी को मजबूत होते देख रहे हैं. मास्क, वेंटिलेटर, पीपीई से लेकर टीकाकरण तक देश को जो भी जरूरत पड़ी इंडस्ट्री ने बढ़चढ़कर योगदान दिया. आप सभी के प्रयास से भारत की इकोनॉमी अब फिर गति पकड़ रही है.’
उन्होंने कहा कि सरकार के सोच में हो या काम करने के तरीके में हो, उनमें जो बदलाव आए हैं आप उन्हें देख रहे हैं और महसूस कर रहे हैं. जो भारत कभी विदेशी निवेश को लेकर आशंकित था, वह आज हर क्षेत्र में निवेश का स्वागत कर रहा है. फाइलों में अटकाना भारत की पहचान थी, लेकिन अब ईज ऑफ बिजनेस डूइंग में भारत लंबी छलांग लगा रहा. दुनिया में सबसे प्रतिस्पर्धी कॉरपोरेट टैक्स है.
किसानों का जीवन बेहतर
पीएम माेदी ने कहा, ‘आज सैकड़ों श्रम कानून चार कानूनों में समा चुके हैं. कृषि में सुधार के द्वारा किसानों का जीवन बेहतर किया जा रहा है. एफडीआई और एफपीआई रिकॉर्ड आ रहा है. पहले हमें लगता था कि जो कुछ भी विदेशी है वही बेहतर है, लेकिन इसकी वजह से हमारे देश के अपने ब्रैंड भी विदेशी नामों से प्रचारित किए जाते थे. आज हालत काफी बदल गए हैं. आज देश के लोगों की भावना भारत में बने प्रोडक्ट के साथ है. कंपनी भारतीय हो यह जरूरी नहीं लेकिन देश में बना प्रोडक्ट लोगों को चाहिए.’
भारतवासियों का बढ़ता हुआ आत्मविश्वास
पीएम ने कहा, ‘इसके अलावा भारतवासियों का बढ़ता हुआ आत्मविश्वास भी काफी अहम बात है. यह हम हर क्षेत्र में देख रहे हैं. हाल में ओलंपिक में आपने यह देखा है. भारतीय युवा जब मैदान में उतरते हैं तो वह मेहनत करना चाहते हैं, जोखिम लेना चाहते हैं. इसी तरह का आत्मविश्वास हम स्टार्टअप में देख रहे हैं. आज देश में 60 यूनिकॉर्न हो गए हैं. हर सेक्टर में यूनिकॉर्न आ रहे हैं. बिजनेस में जोखिम लेने की क्षमता बढ़ रही है. निवेशक भी भारतीय स्टार्टअप को लेकर रिकॉर्ड रेस्पांस दे रहे हैं. स्टार्टअप की रिकॉर्ड लिस्टिंग एक नए युग की शुरुआत है.’
इस अवसर पर सीआईआई के प्रेसिडेंट टी.वी. नरेंद्रन ने कहा कि पीएम माेेदी के आत्मनिर्भर भारत के विजन ने सीआईआई से जुड़े उद्यमियों को प्रेरित किया है. इस बैठक का विषय ‘इंडिया@75: गवर्नमेंट ऐंड बिजनेस वर्किंग टूगेदर फॉर आत्मनिर्भर भारत’ है.
इसके पहले सीआईआई के एजीएम को संबोधित करते हुए निवेश एवं लोक संपत्ति प्रबंधन (DIPAM) सचिव तुहिन कांत पांडे ने कहा कि एअर इंडिया और बीपीसीएल के निजीकरण के लक्ष्य को इस वित्त वर्ष 2021-22 के भीतर पूरा कर लेने के लिए सरकार पूरी तरह से आश्वस्त है.
इस बैठक में आत्मनिर्भर भारत के लिए सरकार और कारोबारियों द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर चर्चा हो रही है. इस ऑनलाइन इवेंट में सिंगापुर से आर्थिक नीतियों के समन्वय मंत्री हेंग स्वी कीट ने भी शिरकत करने वाले हैं. साथ ही सरकार के कई मंत्री, वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षाविद और भारतीय उद्योगों के प्रमुख भी इसमें शिरकत करेंगे.
खबर इनपुट एजेंसी से