देहरादून : पुरानी पेंशन बहाली-ओपीएस (OPS) को लेकर राष्ट्रीय संयुक्त कार्यवाही परिषद के आह्वान पर केंद्र और उत्तराखंड के विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया। उन्होंने चेताया कि यदि एक सूत्रीय मांग पूरी न हुई तो दस अगस्त को संसद घेरी जाएगी। इस दौरान डीएम के जरिये पीएम नरेंद्र मोदी को ज्ञापन भिजवाया गया।
शनिवार को रेलवे, आयकर कर्मचारी महासंघ, आयुध निर्माण संघ और शिक्षक संघ से जुड़े हुए कर्मचारी रेलवे स्टेशन स्थित नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन के दफ्तर पर एकत्रित हुए। इस दौरान आयोजित हुई बैठक में केंद्रीय सरकारी कर्मचारी संयुक्त परामर्श समिति (जेसीएम) के राष्ट्रीय महामंत्री कामरेड शिव गोपाल मिश्रा ने कहा कि नई योजना के तहत मिल रही पेंशन एक तरह से नगण्य है।
कर्मचारियों को पुरानी पेंशन को एकजुट होना होगा। यह संघर्ष तब तक चलेगा, जब तक सरकार पुरानी पेंशन को बहाल नहीं कर देती। इसके बाद कर्मचारियों ने रेलवे स्टेशन परिसर से जुलूस शुरू किया, जो प्रिंस चौक एवं तहसील चौक होकर कलक्ट्रेट तक पहुंचा। यहां केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया गया।
इस दौरान ऑल इंडिया डिफेंस इम्प्लाइज फेडरेशन के जगदीश छिमवाल, ऑल इंडिया रेलवे फेडरेशन के नरेश गुरुंग, इनकम टैक्स इम्प्लाइज फेडरेशन के विरेंद्र कुमार, राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के बीपी सिंह रावत, सीताराम पोखरियाल, नरमू के पूर्व शाखा सचिव उग्रसेन सिंह, अशोक शर्मा, विनय मित्तल, प्रमोद पाठक, मंगल सिंह, राज सिंह पुंडीर, धीरेंद्र मित्तल, राजेश चौबे मौजूद रहे।
जरूरत पड़ी तो ‘भारत बंद’ से भी पीछे नहीं हटेंगे
इस अवसर पर मिश्रा ने कहा कि अब सरकार को पुरानी बहाल करनी ही होगी। कर्मचारियों ने आर-पार की लड़ाई का मन बना लिया है। यदि पुरानी पेंशन बहाल नहीं हुई तो कर्मचारी भारत बंद और रेल चक्काजाम से भी पीछे नहीं हटेंगे। अभी नई पेंशन योजना के तहत 30 हजार रुपये के वेतन पर यदि कोई कर्मचारी रिटायर होता है तो उसे 516 रुपये पेंशन मिल रही है। जबकि, कर्मचारियों को वेतन का आधा हिस्सा पेंशन के रूप में मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कर्मचारी नहीं चाहते कि आंदोलन की वजह से रेलयात्रियों को परेशानी हो, लेकिन उनको अपने हितों के लिए मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ रहा है।