नई दिल्ली: सोशल मीडिया के बढ़ते दुरुपयोग और दुष्प्रभाव को देखते हुए केंद्र सरकार इस पर अंकुश लगाने के लिए जल्द ही नए कानून ला सकती है. नए नियमों के अनुसार 18 साल से कम उम्र के बच्चों को सोशल मीडिया पर अकाउंट बनाने के लिए पैरेंट्स की सहमति लेना जरूरी होगा. डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन अधिनियम, 2023 के मसौदे में यह प्रावधान शामिल किए गए हैं जिसकी अधिसूचना इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा जारी की गई है. मंत्रालय ने मसौदा नियमों पर आपत्तियां और सुझाव भी मांगे हैं.
मसौदे में और क्या हैं प्रावधान
बहुप्रतीक्षित डिजिटल व्यक्तिगत डाटा सुरक्षा नियमों के मसौदे में उल्लंघन के लिए किसी दंडात्मक कार्रवाई का उल्लेख नहीं है. संसद ने लगभग 14 महीने पहले डिजिटल डाटा सुरक्षा विधेयक 2023 को मंजूरी दी थी. जिसके बाद मसौदा नियम जारी किए गए हैं.
सार्वजनिक परामर्श के लिए नियमों के मसौदे को प्रकाशित किया गया है. मसौदा नियमों को अंतिम रूप देने के लिए 18 फरवरी के बाद विचार किया जाएगा. मसौदा अधिसूचना में कहा गया, “डिजिटल व्यक्तिगत डाटा संरक्षण अधिनियम, 2023 (2023 का 22) की धारा 40 की उप-धाराओं (1) और (2) की शक्तियों का उपयोग करते हुए केंद्र सरकार द्वारा अधिनियम के लागू होने की तिथि को या उसके बाद बनाए जाने वाले प्रस्तावित नियमों का मसौदा प्रकाशित किया जाता है.”
मसौदा नियमों में डिजिटल डाटा संरक्षण अधिनियम, 2023 के तहत व्यक्तियों की सहमति लेने, डाटा प्रसंस्करण निकायों और अधिकारियों के कामकाज से संबंधित प्रावधान तय किए गए हैं. अधिसूचना में कहा गया, ”उक्त मसौदा नियमों पर 18 फरवरी, 2025 के बाद विचार किया जाएगा.”
मसौदा नियमों में डीपीडीपी अधिनियम, 2023 के तहत स्वीकृत दंड का उल्लेख नहीं किया गया है. नियमों में व्यक्तियों से स्पष्ट सहमति पाने के लिए एक व्यवस्था के बारे में बताया गया है. किसी भी रूप में बच्चों से जुड़े आंकड़ों का उपयोग करने के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य की गई है. मसौदा सार्वजनिक टिप्पणियों के लिए मायगव वेबसाइट पर उपलब्ध है.