नई दिल्ली. भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) सरकार को एक बड़े डिविडेंड (लाभांश) के तौर पर करीब 1 लाख करोड़ रुपये ट्रांसफर करने की योजना बना रहा है. ईटी की रिपोर्ट के अनुसार, इतनी बड़ी राशि से केंद्र सरकार के खजाने में काफी बढ़ोतरी होने की संभावना है. ऐसे में वित्त वर्ष 2024-25 सरकारी खजाने के लिए शानदार साबित हो सकता है. दरअसल पिछले हफ्ते, आरबीआई ने ट्रेजरी बिल के माध्यम से सरकार की उधारी में 60,000 करोड़ रुपये की भारी कटौती की घोषणा की.
इसके अतिरिक्त, केंद्रीय बैंक ने आगामी ऑपरेशन की सफलता सुनिश्चित करने के लिए उपाय लागू किए. इसमें सरकार पिछली उधारी के 60,000 करोड़ रुपये समय से पहले चुकाने की योजना बना रही है.
RBI जल्द कर सकता है ऐलान
ईटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि इन घटनाक्रमों से यह भी पता चलता है कि केंद्र की वित्तीय स्थिति में जल्द ही काफी सुधार देखने को मिल सकता है. सरकार के लोन मैजेर के रूप में कार्यरत आरबीआई, मई के अंत में अपने सरप्लस अमाउंट को सरकार को ट्रांसफर करने की घोषणा कर सकता है. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की मुख्य आर्थिक सलाहकार कनिका पसरीचा ने हाल ही में एक रिसर्च नोट में कहा, “हम उम्मीद करते हैं कि आरबीआई वित्त वर्ष 2025 में सरकार को 1,000 अरब रुपये (1 लाख करोड़ रुपये) का सरप्लस अमाउंट ट्रांसफर करेगा. हमारा आकलन है कि इसके लिए मजबूत लाभांश दिया जाएगा.”
सरकार के लोन मैनेजर के रूप में कार्यरत आरबीआई मई के आखिरी में अपने सरप्लस अमाउंट को सरकार को हस्तांतरित करने की घोषणा कर सकता है. इससे पहले रिजर्व बैंक ने पिछले वित्त वर्ष में सरकारी खजाने को 87 हजार 400 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया था. यूनियन बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस वित्त वर्ष में भी डिविडेंड से मिलने वाली रकम उसी तरह बजट अनुमान से ज्यादा रह सकती है, जैसे पिछले वित्त वर्ष में निकली थी.