नई दिल्ली : वर्ष 2017 में केंद्र सरकार की महिला एवं बाल विकास मंत्रालय से संचालित प्रधानमंत्री मातृत्व योजना बीच में बंद हो गई थी अब सरकार ने पिछले एक महीने पहले फिर से संचालित कर दिया है। जिसमें प्रसूताओं को केंद्र सरकार की ओर से योजना का लाभ दिया जाता है। प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना में प्रसूता स्वंय भी मोबाइल से आवेदन कर सकती हैं और जनसेवा केंद्र से भी कर सकेंगे। योजना का डिजिटलीकरण किया गया है, इसलिए घर बैठे भी प्रसूता इसका लाभ ले सकेंगी। इसके लिए जनपद में लगातार एएनएम सहित स्टाफ के साथ बेहतर क्रियान्वयन को बैठकें की जा रही हैं।
यूपी के बदायूं में स्वास्थ्य विभाग की प्रधानमंत्री मातृत्व योजना का डिजिटलीकरण हो गया है। अब जनपद में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना एक बार फिर से शुरू हो गई है। योजना की शुरुआत नवंबर महीने में की गई, जिसके बाद से अब तक जनपद भर से करीब 200 से अधिक आवेदन आ चुके हैं। अब प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत प्रसूता अपने मोबाइल से तथा जनसेवा केंद्र से प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना की बेवसाइट पर जाकर आवेदन कर सकती हैं। आवेदन आनलाइन एएनएम स्तर पर जायेगा।
एएनएम और फिर ब्लाक क्षेत्र के एमओआईसी रिपोर्ट लगाएंगे। इसके बाद जिला स्तर से स्वास्थ्य विभाग द्वारा सत्यापन के बाद फाइल रिपोर्ट लगाई जायेगी। जिसमें पहली बार डिलीवरी में पांच हजार रुपये और दूसरी बार में बेटी होने पर छह हजार रुपये की धनराशि मिलेगी। इस आनलाइन व्यवस्था में प्रसूता गर्भकाल से 270 दिनों के अंदर आवेदन कर सकती है। आवेदन के दौरान टीका कार्ड एवं अस्पताल का पर्चा व बैंक पासबुक के साथ आधार कार्ड आनलाइन व्यवस्था में अपलोड किया जाता है। इस डिजिटल व्यवस्था से प्रसूता स्वयं भी घर बैठे आवेदन कर सकती है बाकी अस्पताल से भी आनलाइन आवेदन की व्यवस्था है।
संस्थागत प्रसव में पिछड़ रहा विभाग
जनपद में प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का शतप्रतिशत लाभ प्रसूताओं को नहीं मिल पा रहा है। इसका बड़ा कारण है कि डाक्टर से लेकर स्टाफ, आशा, एएनएम तक की लापरवाही है। जिनकी वजह से प्राइवेट नर्सिंग होम और ऐसे स्थानों पर डिलीवरी हो रही हैं। जहां संस्थागत प्रसव की सुविधा नहीं है इसलिए संस्थागत प्रसव के आंकड़ों में जनपद पिछड़ रहा है। जब परिवार प्रसूता का संस्थागत प्रसव नहीं करा पाते हैं तो उसको योजना का लाभ भी नहीं मिल पाता है।
1.34 लाख प्रसूताएं लक्षित
जनपद में गर्भवती महिलाओं को चिकित्सा सेवा एवं सुविधाएं देने के लिए शासन से लक्षित किया गया है। शासन स्तर से जनपद के लिए 1.34 लाख प्रसूताएं लक्षित की गई हैं। जिनकी संस्थागत डिलीवरी की जानी हैं लेकिन अब तक जनपद में संस्थागत तौर पर डिलीवरी 50 हजार के करीब हो पाई हैं। संस्थागत डिलीवरी की संख्या इसलिए कम है क्योंकि प्राइवेट अस्पतालों एवं नर्सिंग होम में ज्यादा की गई हैं। कार्यवाहक सीएमओ डॉ. अब्दुल सलाम ने कहा, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत आवेदन आनलाइन भी कर सकते हैं और अस्पतालों पर भी व्यवस्था है। विभाग की ओर से प्रसूताओं को लाभ दिलाने के लिए लगातार बैठकें कर दिशा निर्देश दिये जा रहे हैं।