नई दिल्ली: ईश्वर के प्रति आस्था और रोजाना की जिंदगी में अपने नियमित कार्य में कई बार लोग कुछ ऐसे अनूठे काम करते हैं, जो चर्चा का विषय बन जाता है। उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले की गड़वारा नगर पंचायत में ऐसा ही कुछ हो रहा है। यहां की प्रधान सीमा सिंह और सदर विकास खंड की ब्लॉक प्रमुख शेषा देवी ने अपनी प्रशासनिक कुर्सियों को भगवान राम को समर्पित कर दिया है। दोनों का मानना है कि उनके पद का संचालन भगवान राम करते हैं, और वे केवल उनके प्रतिनिधि के रूप में काम करती हैं।
दोनों लोगों का मानना है कि भगवान के आशीर्वाद से जीता चुनाव
सीमा सिंह 53 वर्षीय गड़वारा नगर पंचायत की प्रधान हैं। उनका मानना है कि उन्होंने भगवान राम के आशीर्वाद से नगर पंचायत का चुनाव जीता था। 2023 के चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत हासिल कर उन्होंने बीजेपी के उम्मीदवार नवीन सिंह को हराया। इसी वर्ष 20 जून को हुई पहली बोर्ड बैठक में उन्होंने और ब्लॉक प्रमुख शेषा देवी ने अपने-अपने पदों की कुर्सी भगवान राम को समर्पित करने का निर्णय लिया था।
सीमा सिंह ने कार्यालय में भगवान राम की तस्वीर को प्रमुख की कुर्सी पर रखा है और खुद एक दूसरी कुर्सी पर बैठती हैं। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक उनके बेटे सचिन बताते हैं कि उनकी मां ने भगवान राम के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के लिए ये कदम उठाया। 22 जनवरी को अयोध्या के राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के दौरान सीमा ने गड़वारा नगर पंचायत में भगवान राम की दो मूर्तियां स्थापित कर भव्य समारोह आयोजित किया, जिससे उनकी धार्मिक आस्था का प्रमाण मिलता है।
दूसरी ओर सदर विकास खंड की 65 वर्षीय ब्लॉक प्रमुख शेषा देवी भी पिछले तीन वर्षों से अपनी कुर्सी भगवान राम को समर्पित कर चुकी हैं। ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जीतने के बाद उन्होंने शपथ ली थी कि वे अपनी कुर्सी भगवान राम को समर्पित करेंगी। उनकी प्रतिनिधि गोल्डी सिंह के अनुसार, शेषा देवी अपने कार्यक्षेत्र में प्रतिदिन भगवान राम की पूजा करती हैं और उसके बाद ही नियमित प्रशासनिक कार्य संभालती हैं।
शेषा देवी के चुनाव प्रचार के दौरान ही यह निर्णय लिया गया था, जिसे उन्होंने जीत के बाद पूरा किया। इस धार्मिक आस्था ने उनके समर्थकों के बीच एक नई पहचान बनाई है, और यह कदम न केवल उनके गांव में बल्कि पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गया है।
दोनों महिला नेताओं का कहना है कि उनके लिए भगवान राम केवल पूजा का विषय नहीं बल्कि एक आदर्श प्रशासक हैं, और इसी विश्वास के चलते उन्होंने अपनी कुर्सी राम को समर्पित की है। यह परंपरा प्रतापगढ़ में आस्था और शासन के अनूठे मेल का उदाहरण बन गई है, जिसे देखकर लोग न सिर्फ आश्चर्यचकित हैं बल्कि इस भक्ति भावना का आदर भी करते हैं।