सूर्य ग्रहण 10 जून को लगेगा. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण है और साल का पहला सूर्य ग्रहण भी. पूर्ण सूर्य ग्रहण होने की वजह से दिन में अंधेरा हो जाएगा. हालांकि भारत में यह सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से होगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान का स्मरण करने और मंत्रों का जाप करने से अपार शक्ति मिलती है और कष्ट मिटते हैं. यह सूर्य ग्रहण उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में देखा जा सकेगा. आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण के दौरान किन मंत्रों का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
सूर्य ग्रहण 10 जून को लगेगा. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण है और साल का पहला सूर्य ग्रहण भी. पूर्ण सूर्य ग्रहण होने की वजह से दिन में अंधेरा हो जाएगा. हालांकि भारत में यह सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से होगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान का स्मरण करने और मंत्रों का जाप करने से अपार शक्ति मिलती है और कष्ट मिटते हैं. यह सूर्य ग्रहण उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में देखा जा सकेगा. आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण के दौरान किन मंत्रों का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
सूर्य ग्रहण 10 जून को लगेगा. यह पूर्ण सूर्य ग्रहण है और साल का पहला सूर्य ग्रहण भी. पूर्ण सूर्य ग्रहण होने की वजह से दिन में अंधेरा हो जाएगा. हालांकि भारत में यह सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से होगा इसलिए सूतक काल मान्य नहीं होगा. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सूर्य ग्रहण के दौरान भगवान का स्मरण करने और मंत्रों का जाप करने से अपार शक्ति मिलती है और कष्ट मिटते हैं. यह सूर्य ग्रहण उत्तरी कनाडा, ग्रीनलैंड और रूस में देखा जा सकेगा. आइए जानते हैं सूर्य ग्रहण के दौरान किन मंत्रों का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन। हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन।
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव॥
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:॥
ॐ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:॥
श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये
प्रसीद-प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै नम:॥
ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय
जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा।।
विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्॥
खबर इनपुट एजेंसी से