देहरादून: उत्तराखंड की पावन धरती पर स्थित चारधाम यात्रा (Char Dham Yatra 2025) की तैयारियां जोरों पर हैं. धार्मिक आस्था से जुड़े इन धामों के दर्शनों के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु देश-विदेश से पहुंचते हैं. 30 अप्रैल से शुरू हो रही यात्रा के लिए प्रशासन ने खास व्यवस्थाएं की हैं, ताकि श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. ऐसे में सभी विभाग चारधाम यात्रा को लेकर अपनी-अपनी तैयारियों में जुट चुके हैं.
इन व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने पर ज़ोर
इस बार ऑनलाइन बुकिंग व्यवस्था को और भी सुगम बना दिया है. देहरादून आरटीओ (प्रशासन) सुनील शर्मा ने लोकल18 से बातचीत में बताया कि चारधाम यात्रा के लिए एक माह पहले ही ग्रीन कार्ड जारी किए जाएंगे. पीली प्लेट की जितनी भी गाड़ियां हैं उनके लिए ही ग्रीन कार्ड बनाना ज़रूरी होगा, चाहे वे प्रदेश की हो या बाहरी. बसों के संचालन के लिए यूनियन से बातचीत कर रोटेशन सिस्टम लागू किया गया है. श्रद्धालुओं को सस्ती दरों पर बसें उपलब्ध कराना विभाग की पहली प्राथमिकता है.
यात्रा में जाने के लिए इस वर्ष भी पंजीकरण अनिवार्य किया गया है. भक्तों को आधार कार्ड, फोटो और मेडिकल प्रमाण पत्र जमा करना होगा. ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा उत्तराखंड पर्यटन विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध है. जो श्रद्धालु ऑनलाइन पंजीकरण नहीं करवा पाते हैं, उनके लिए हरिद्वार, ऋषिकेश और अन्य प्रमुख पड़ावों पर ऑन-साइट पंजीकरण की सुविधा भी दी जाएगी.
श्रद्धालुओं के लिए सुगम यात्रा पर जोर
विभाग ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पर्याप्त बसों की व्यवस्था की है. बसों की फिटनेस जांचने के बाद ही उन्हें यात्रा में शामिल किया जाएगा. इसके अलावा, हर वाहन में जीपीएस सिस्टम और मेडिकल किट अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहेगा. गौरतलब है कि चारधाम यात्रा का आगाज़ 30 अप्रैल से होगा, जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएंगे. केदारनाथ धाम के कपाट 2 मई को और बद्रीनाथ धाम के कपाट 4 मई को खुलेंगे.
बता दें चारधाम यात्रा के लिए मई-जून और सितंबर-अक्टूबर का समय सबसे अनुकूल माना जाता है. इस दौरान मौसम सुहावना रहता है, जिससे यात्रा सुखद होती है. पर्यटन विभाग और परिवहन विभाग की ओर से की जा रही हाईटेक व्यवस्थाएं श्रद्धालुओं के अनुभव को और भी यादगार बनाएंगी. श्रद्धालुओं के उत्साह को देखते हुए इस वर्ष चारधाम यात्रा नए कीर्तिमान स्थापित करने की उम्मीद है.