इंदौर। राज्य साइबर सेल ने ऐसे ठगों को पकड़ा है, जो टेलीग्राम टास्किंग का झांसा देकर देशभर में ठगी कर रहे थे। गिरोह का सरगना दुबई में है। एक आरोपित बड़े बैंकों में अहम पदों पर रहा है। पहचान का फायदा उठाकर फर्जी पतों पर खाते खुलवा लेता था। ठगी की राशि उन खातों में ही जमा होती थी।
एसपी (साइबर) जितेंद्र सिंह के मुताबिक, 24 मार्च को इंजीनियर युवती ने 16 लाख 64 हजार रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज करवाई थी। युवती टेलीग्राम एप पर मिली लिंक के माध्यम से आरोपितों के संपर्क में आई थी। आरोपितों ने टास्क पूरा कर लाखों रुपये महीने कमाने का प्रलोभन दिया और युवती से अलग-अलग खातों में 16 लाख 64 हजार रुपये जमा करवा लिए।
पुलिस ने बैंक खातों की जांच की और बुधवार को दो आरोपित गोविंद नेमाने और विजय होतवानी को अहमदाबाद (गुजरात) से गिरफ्तार कर लिया। गोविंद कई बैंक और बीमा कंपनी सहित कई जगह नौकरी कर चुका है। वह फर्जी नाम-पते से खाते खुलवाकर मुख्य आरोपित के पास बैंक किट भिजवा देता था, जिसमें ठगी की राशि जमा होती थी। गोविंद वर्तमान में बीमा कंपनी की सैटेलाइट ब्रांच में पदस्थ था।
गिरोह के सरगना को दुबई में सिम कार्ड देना कबूला
टीआइ रामसुमेर तिवारी के मुताबिक, आरोपित गोविंद के विरुद्ध साइबर क्राइम ब्रांच पानीगेट, वडोदरा, साइबर क्राइम ब्रांच भरतपुर में केस दर्ज है। आरोपित करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी कर चुके हैं। उसने बताया कि गिरोह का सरगना दुबई में रहता है। उसके इशारे पर ही खाते खुलवाए थे। खाते फर्जी पते पर खुले थे। खाते खुलवाने के बाद वह दुबई में सिम कार्ड और किट देकर आया था। पुलिस को नौ बैंक खातों की जानकारी मिल चुकी है।