देहरादून: कंपनी में साझेदारी कर सरकारी कार्य दिलाने और स्कूलों में सामान भेजने के नाम पर साढ़े 43 लाख रुपये की ठगी का मामला सामने आया है। शहर कोतवाली पुलिस ने पांच आरोपितों के खिलाफ FIR दर्ज किया है। आरोपित उत्तराखंड, हिमाचल, दिल्ली और बंगाल के रहने वाले हैं।
शहर कोतवाली में दी तहरीर में भीम कुमार निवासी पिथौरागढ़ ने बताया कि वह ठेकेदार हैं। उनकी मुलाकात प्रताप सिंह नेगी से हुई थी। प्रताप सिंह नेगी ने उन्हें गढ़वाल और कुमाऊं मंडल के करीब 500 स्कूलों में जनरेटर सेट, बिजली का सामान, फर्नीचर आदि सामान की आपूर्ति का काम दिलाने का झांसा दिया।
बयाने के तौर पर लिए साढ़े 43 लाख रुपये
बताया कि सुदीप गिरी, मोहन सिंह नेगी, किशन कुमार और जगमोहन सिंह एसएपी साल्यूशन के भागीदार और डायरेक्टर हैं। ठेका लेने के साथ कार्य करने से पहले बयाने के तौर पर आरोपितों ने उनसे साढ़े 43 लाख रुपये मांगे।
संपर्क करने पर टालमटोल करने लगा आरोपित
यह रकम आरोपितों ने अलग-अलग तिथियों में अपने बैंक खातों में मंगवाई। इसके बाद आरोपितों ने झांसा दिया कि जल्द ही सरकार की ओर से टेंडर जारी होने वाले हैं, लेकिन लंबे समय से टेंडर नहीं हुए। संपर्क किया तो आरोपित टालमटोल करते रहे।
इस मामले में शहर कोतवाली में प्रताप सिंह निवासी अल्मोड़ा हाल निवासी दिल्ली कनाट पैलेस, जगमोहन सिंह निवासी पावंटा साहिब हिमाचल प्रदेश शिमला, मोहन सिंह नेगी निवासी रामगढ़ी चमोली, किशन कुमार चौहान निवासी कनाट प्लेस नई दिल्ली और सुदीप गिरी निवासी कोलकाता बंगाल के खिलाफ एफआइआर दर्ज किया गया है।
फर्जी ईमेल भेजकर ठगे 5.32 लाख रुपये
क्लेमनटाउन स्थित एक निजी संस्थान के एकाउंट सेक्शन को बिल का फर्जी ईमेल भेजकर 5.32 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए गए। थानाध्यक्ष क्लेमेनटाउन शिशुपाल राणा ने बताया कि ग्राफिक एरा विवि के प्रशासनिक अधिकारी अनिकेश जोशी ने तहरीर दी कि प्लान डी मीडिया के नाम से उन्हें फर्जी बिल भेजकर रकम ट्रांसफर कराई गई।
ईमेल और ट्रांसफर की प्रक्रिया पांच सितंबर से आठ सितंबर के बीच चली। भुगतान के बाद संस्थान को फर्जी ईमेल भेजे जाने का पता लगा। तब उन्होंने मामले को तहरीर दी। पुलिस ने अज्ञात आरोपित के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।