नई दिल्ली। सामरिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण लद्दाख लोकसभा सीट पर वोटिंग 20 मई को होगी। चीन और पाकिस्तान से सटी लद्दाख लोकसभा सीट क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत की सबसे बड़ी लोकसभा सीट है लेकिन यहां सिर्फ तीन प्रत्याशी किस्मत आजमा रहे हैं। बीजेपी ने यहां ताशी ग्यालसन, कांग्रेस पार्टी ने सेरिंग नामग्याल को चुनाव मैदान में उतारा है। इसके अलावा हाजी मोहम्मद हनीफा यहां निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।
दो जिलों में बंटी है लद्दाख लोकसभा सीट
लद्दाख लोकसभा सीट दो शहरों- लेह और करगिल को कवर करती है। लेह शहर बौद्ध बाहुल्य है जबकि करगिल मुस्लिम। यहां बीते दो चुनावों में बीजेपी द्वारा उतारे गए बौद्ध प्रत्याशियों ने जीत दर्ज की है। इस बार लद्दाख लोकसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशी बौद्ध हैं और लेह से आते हैं जबकि निर्दलीय प्रत्याशी हाजी मोहम्मद हनीफा करगिल से हैं और मुस्लिम हैं।
हाजी मोहम्मद हनीफा के कारण करगिल NC ने दिया इस्तीफा
करगिल में इंडिया गठबंधन के प्रत्याशी के विरोध के कारण नेशनल कॉन्फ्रेंस की पूरी यूनिट ने इस्तीफा दे दिया था। इसके अलावा करगिल कांग्रेस पार्टी की यूनिट भी यहां अपने उम्मीदवार का खास समर्थन नहीं कर रही है।
निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हाजी मोहम्मद हनीफा को करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस का समर्थन हासिल है। ऐसे में यहां से कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार को ज्यादा उम्मीदें नहीं करनी चाहिए।
करगिल में लेह के मुकाबले वोटर्स की संख्या कुछ ज्यादा
बौद्ध और मुस्लिम मतदाताओं वाली इस लोकसभा सीट पर वोटर्स के मामले में करगिल लेह पर बीस है। करीब 1.80 लाख वोटर्स वाली लद्दाख लोकसभा सीट पर करगिल जिले में (मुस्लिम बहुल्य) में 95,926 मतदाता हैं जबकि लेह जिले में 88,877 मतदाता हैं। इस बार क्योंकि सियासी रण में दो बौद्ध और एक मुस्लिम हैं तो माना जा रहा है कि पलड़ा निर्दलीय प्रत्याशी का भारी रह सकता है।
कुछ ऐसे थे पिछले दो मुकाबले
साल 2019 के लोकसभा चुनाव में लद्दाख सीट पर चार प्रत्याशी थे। इनमें दो बौद्ध और दो मुस्लिम थे। इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी ने करगिल के सज्जाद हुसैन पर करीब ग्यारह हजार वोटों से जीत दर्ज की थी। इससे पहले 2014 के लोकसभा चुनाव में भी लद्दाख के रण में दो मुस्लिम और दो बौद्ध प्रत्याशी थे, इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी को महज 26 वोटों से जीत हासिल हुई थी। यह पहली बार था जब लद्दाख में कमल खिला था।