नई दिल्ली: अमेरिका और चीन के बीच जासूसी की जंग अब नए मोड़ पर पहुंच गई है. इस बार अमेरिका की सबसे खुफिया एजेंसी CIA (सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी) ने चीन से लड़ने के लिए एक नायाब तरीका निकाला है. जिनपिंग के गढ़ में ट्रंप ने अपने जासूसी नेटवर्क को फिर से जिंदा करने के लिए बेहद अनोखा और पब्लिक तरीका अपनाया है. दरअसल, CIA ने सोशल मीडिया पर दो ऐसे हाई-प्रोडक्शन वीडियो जारी किए हैं, जो जिनपिंग की सत्ता को हिला सकते हैं.
इन वीडियों में सीधे तौर पर चीन के सरकारी अधिकारियों को यह संदेश दिया गया है कि अगर तुम निराश हो, असुरक्षित महसूस करते हो, तो अमेरिका तुम्हारे लिए बेहतर जिंदगी का रास्ता है. ये वीडियो न सिर्फ तकनीकी रूप से शानदार हैं, बल्कि रणनीतिक तौर पर बेहद तीखे और साहसी भी हैं.
इन वीडियो का मकसद क्या है?
इन वीडियो का मकसद है, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से असंतुष्ट या डरे हुए अधिकारियों को अमेरिकी खुफिया एजेंसी के लिए जासूसी करने के लिए प्रेरित करना है. CIA डायरेक्टर जॉन रैटक्लिफ ने इस मुहिम के पीछे की मंशा साफ करते हुए कहा है कि हमारी एजेंसी को इस चुनौती का सामना करने के लिए तेजी, क्रिएटिविटी और हिम्मत की जरूरत है. ये वीडियो उसी रणनीति का हिस्सा हैं. दरअसल, रैटक्लिफ चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिका का सबसे बड़ा रणनीतिक और तकनीकी प्रतिद्वंद्वी मानते हैं.
पहले वीडियो में क्या?
अब बात करते हैं वीडियो की. दोनों वीडियो मंदारिन भाषा में हैं और इन्हें यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम, फेसबुक और X जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपलोड किया गया है. पहला वीडियो “Why I Contacted CIA: To Take Control of My Fate” शीर्षक से उन वरिष्ठ चीनी अधिकारियों को संबोधित करता है, जिन्हें राष्ट्रपति शी जिनपिंग की आंतरिक सफाई मुहिम से खतरा महसूस हो रहा है. वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे एक अधिकारी सत्ता के भीतर खुद को असुरक्षित पाता है और अपने परिवार को सुरक्षित रखने के लिए CIA से संपर्क करता है.
दूसरे वीडियो में क्या?
दूसरे वीडियो का नाम है “Why I Contacted CIA: For a Better Life” और यह पार्टी के जूनियर स्तर के कर्मचारियों को टारगेट करता है. वीडियो में दिखाया गया है कि किस तरह ये अधिकारी सिस्टम में फंसे हैं और उन्हें कोई व्यक्तिगत या व्यावसायिक तरक्की नहीं दिखती. वीडियो एक प्रेरणादायक मैसेज के साथ खत्म होता है “ईश्वर भी उनकी मदद करता है, जो खुद अपनी मदद करते हैं. तुम्हारा भाग्य तुम्हारे हाथ में है.”
डार्क वेब पर होगा खेल
इन वीडियो के अंत में CIA का लोगो और डार्क वेब पर संपर्क करने की जानकारी दी गई है. रैटक्लिफ का मानना है कि ये वीडियो चीन की इंटरनेट सेंसरशिप यानी ‘ग्रेट फायरवॉल’ को पार कर सही लोगों तक पहुंचेंगे. साथ ही, यह भी कहा गया है कि चीनियों को पूरी गोपनीयता के साथ बात करने का भरोसा दिया जाएगा. यानी, अमेरिका अब डिजिटल और साइकोलॉजिकल ऑपरेशन्स के जरिए चीन के भीतर अपने जासूसों की तलाश कर रहा है.
चीन में अमेरिकी इंटेलिजेंस का हाल
बता दें कि पिछले एक दशक में CIA का चीन में ह्यूमन इंटेलिजेंस नेटवर्क लगभग खत्म हो गया था. चीन की सुरक्षा एजेंसी MSS ने CIA के कई एजेंट्स को ट्रैक कर लिया था और दर्जनों चीनी नागरिकों को या तो जेल में डाल दिया गया या फिर उन्हें मौत की सजा दी गई. इसका सबसे बड़ा कारण था. CIA के कम्युनिकेशन टूल्स का पकड़ा जाना.
फिलहाल चीन से कोई प्रतिक्रिया नहीं
चीन की वॉशिंगटन स्थित एम्बेसी ने अब तक इन वीडियो पर प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन अतीत में वह अमेरिका पर लगातार ‘डिसइंफॉर्मेशन कैंपेन’ चलाने का आरोप लगाती रही है. ऐसे में ये वीडियो चीन के लिए एक सीधा और पब्लिक हमला माने जा सकते हैं, न सिर्फ तकनीकी स्तर पर, बल्कि मनोवैज्ञानिक मोर्चे पर भी.
इस पूरी रणनीति को देखा जाए तो यह साफ है कि अमेरिका चीन के भीतर असंतोष को भुनाना चाहता है. जिस तरीके से ये वीडियो तैयार किए गए हैं, वह दर्शाता है कि CIA अब पारंपरिक खुफिया ऑपरेशन्स से आगे बढ़कर डिजिटल युद्ध के मैदान में कदम रख चुकी है. जहां सोशल मीडिया, प्रचार और इमोशन मैसेज ही हथियार हैं. और सबसे बड़ी बात, ये हथियार अब सार्वजनिक रूप से चलाए जा रहे हैं.