भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त द्वारा किए गए कमेंट पर चीन ने लताड़ लगाई है. चीन के दूतावास से जारी बयान में कहा गया कि भारत और चीन के बीच का मामला द्विपक्षीय है और इसमें किसी तीसरे पक्ष को हस्तक्षेप करने का हक नहीं है और न ही ये स्वीकार किया जाएगा. साथ ही बयान में ये भी कहा गया कि भारत और चीन सीमा स्थिर है.
दरअसल, ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त बैरी ओ’फेरेल ने एक इंटरव्यू में बात करते हुए कहा कि ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच के संबंध किसी तीसरे देश के साथ संबंधों से परिभाषित नहीं होते हैं. भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कई प्रकार की समानताएं हैं. दोनों देश वास्विक समझ, साझा दृष्टिकोण और मूल्य को मानते हैं. इसी वजह से दोनों देशों के रिश्ते और मधुर हो रहे हैं.
बैरी यहीं नहीं रुके, उन्होंने आगे कहा कि कोरोना काल में चीन ने ऑस्ट्रेलिया पर आर्थिक रूप से दबाव डाला था. भारत के साथ सीमा विवाद के मामले में भी चीन वैसा ही कर रहा है. उन्होंने कहा कि जहां संभव होगा वहीं हम सहमत होंगे. लेकिन वहां जरूर असहमत होंगे जहां होना चाहिए.
ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त ने कहा कि दोनों देश इंडो-पैसिफिक रीजन में साथ काम करना जारी रखेंगे. उन्होंने कहा कि आज भारत और ऑस्ट्रेलिया पहले से ज्यादा, जटिल और लगातार युद्धाभ्यास कर रहे हैं. दोनों देश रक्षा और सुरक्षा के क्षेत्र में मजबूती से आगे बढ़ रहे हैं.
ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त के बयान पर चीन बौखला गया. चीनी दूतावास के प्रवक्ता वांग ज़ियाओजियान ने ऑस्ट्रेलियाई उच्चायुक्त को ट्विटर पर टैग किया और लिखा, भारत-चीन सीमा विवाद द्विपक्षीय मामला है और स्थिर है. इसमें किसी तीसरे का दखल स्वीकार नहीं होगा.
चीन की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि ऑस्ट्रेलिया के तथाकथित “आर्थिक दबाव” को चीन पर थोपना गलत है. जो भी हुआ उसके लिए ऑस्ट्रेलिया द्वारा बाजार सिद्धांतों के खिलाफ जाकर उठाए गए कदम हैं.