नई दिल्ली: भारत और अमेरिका की सेना इस साल अक्टूबर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के करीब एक संयुक्त सैन्य अभ्यास करने वाले हैं। इस अभ्यास की खबर से ही चीन लाल-पीला हो रखा है। उत्तराखंड के औली में होने वाले इस अभ्यास में दोनों देशों की सेनाएं अत्याधुनिक हथियारों के साथ युद्धाभ्यास करेंगी। गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच रिश्ते पिछले दो साल से खराब चल रहे हैं। उधर, ताइवन से उलझे चीन के इस अभ्यास से मिर्ची लगनी शुरू हो गई है। चीन इसका विरोध भी कर रहा है।
10 हजार फीट की ऊंचाई पर युद्धाभ्यास
10 हजार फीट की ऊंचाई पर होने वाला युद्धाभ्यास का इलाका LAC से महज 95 किलोमीटर दूर है। ताइवान के साथ तनातनी में उलझा चीन इस खबर के बाद से भड़का हुआ है। लेकिन अमेरिका ने कहा कि हिंद-प्रशांत इलाके में दोनों देशों की एक समान नीति है। हम उसे आगे बढ़ा रहे हैं।
सलाना सैन्य अभ्यास का हिस्सा
वार्षिक संयुक्त युद्धाभ्यास का यह 18वां सत्र है। अमेरिकी प्रवक्ता ने कहा कि इस तरह के वार्षिक युद्धाभ्यास के जरिए हम अपनी क्षमता को आंकते और बढ़ाते हैं। ताकि क्षेत्रीय चुनौतियों से निपटा जा सके। गलवान घटना के बाद भारत और चीन के बीच तनातनी अभी तक जारी है। LAC पर दोनों देशों की सेनाएं बड़ी संख्या में तैनात हैं। भारत चीन की चालाकियों को देखते हुए अब उसे कोई मौका नहीं देना चाहता है।
चीन पर भारत की कड़ी नजर
लद्दाख में भारत ने बढ़ा रखी है सख्ती। दरअसल, चीन के नापाक इरादों के कारण भारत बिल्कुल सतर्क है। भारत का साफ कहना है कि 2020 में चीन ने यथास्थिति को बदलने की कोशिश की थी। चीन अक्टूबर में होने वाले इस अभ्यास को लेकर अभी से भड़का हुआ है। लेकिन भारत ने पड़ोसी देश को दो टूक कह दिया है कि यह एक वार्षिक अभ्यास है।
ताइवान से उलझा है चीन
ताइवान में अमेरिकी कांग्रेस अध्यक्ष नैंसी पिलोसी के आने के बाद से ही चीन-ताइवन के रिश्ते नाजुक दौर से गुजर रहे हैं। साउथ चाइना सी में चीन सैन्य अभ्यास कर चुका है। इसके अलावा लगभग हर रोज उसके युद्धक विमान ताइवान की सीमा का उल्लंघन कर रहे हैं। इधर, अमेरिका का भारत के साथ सैन्य अभ्यास चीन के लिए मुसीबत पैदा करने वाला है। ताइवान के साथ अमेरिका मजबूती से डटा हुआ है।