बीजिंग: चीन की सैन्य क्षमता हमेशा से बहस का विषय रही है। इस देश के पास जो मिलिट्री पावर है वो अक्सर सीक्रेट रहती है। चीन की मिसाइल पावर इनमें से ही एक है। पिछले कुछ समय से पारंपरिक मिसाइलें यानी ऐसी मिसाइलें जो परमाणु क्षमता से लैस नहीं हैं, उनकी संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। खास बात है कि जिस समय भारत के साथ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव जारी है, उसी समय ही चीन अपनी मिसाइल फोर्स की ताकत बढ़ रहा है। विशेषज्ञों की मानें तो चीन इन मिसाइलों को दुश्मन से निबटने के लिए तैनात करने से भी पीछे नहीं हटेगा। पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) की ताकत को और बढ़ाने के लिए पिछले दिनों जमीन से लॉन्च हो सकने वाली एक मिसाइल तैयार की गई है। बताया जा रहा है कि ये मिसाइल दुनिया की सबसे ताकतवर मिसाइल है। चीन के विशेषज्ञों का दावा है कि ये नई मिसाइल हिंद-प्रशांत क्षेत्र में देश की सुरक्षा को बढ़ाएगी। साथ ही अमेरिका के अलावा दूसरे देशों को भी करारा जवाब दे सकेगी।
मिसाइलों की तैनाती शुरू
चीन के पास जमीन से हमला करने वाली मिसाइलों की संख्या पिछले कुछ समय में बढ़ी है। अमेरिका के रक्षा विभाग की मानें तो इस समय चीन के पास 2000 मिसाइलें ऐसी हैं जिन्हें बिना किसी मुश्किल के जमीन से लॉन्च किया जा सकेगा। ये शॉर्ट रेंज की मिसाइलें हैं और इनकी क्षमता पर किसी को शक नहीं होना चाहिए। चीन के पास जमीन से हमला करने वाली सबसे ताकतवर मिसाइल तो है ही साथ ही उसके पास अब सबसे ताकतवर क्रूज मिसाइल भी है। आपको बता दें कि चीन ने अपनी एक खास रॉकेट फोर्स तैयार की थी।
इसका मकसद पारंपरिक मिसाइलों के अलावा परमाणु मिसाइलों को भी ऑपरेट करना है। हाल के कुछ वर्षो में चीन की इस खास सेना ने कई नए मिसाइल सिस्टम को तैनात किया है। सीएसआईएस मिसाइल डिफेंस प्रोजेक्ट ने चीन की मिसाइल ताकत पर एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन अब ऐसे मॉर्डन मिसाइल सिस्टम को तैयार करने और उसे तैनात करने की दिशा में है, जिसके बारे में कभी सोचा भी नहीं गया होगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि चीन अपने मिसाइल प्रोग्राम को हमेशा गुप्त ही रखता है।
15,000 किमी की रेंज वाली मिसाइलें
सीएसआईएस के मुताबिक चीन के पास सबसे सक्रिय और सबसे नया मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम है। वो अपनी इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल को मॉर्डन करने में लगा है, कई ऐसी मिसाइलों को तैनात करने की तैयारी में हैं जिन्हें व्हीकल से लॉन्च किया जा सकता है, साथ ही वो अब हाइपरसोनिक और बूस्ट ग्लाइड व्हीकल्स को भी डेवलप करने लगा है। इस रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि चीन की नौसेना न्यूक्लियर बैलेस्टिक मिसाइल पनडुब्बियों के नये बेड़े को तैनात करने लगी है। ताकि समंदर के अंदर से भी मिसाइल हमला किया जा सके।
रिपोर्ट में चीन के पास मौजूद मिसाइलों के जखीरे को अमेरिका के लिए खतरा करार दिया गया है। साथ ही हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मौजूद अमेरिका के साथियों जैसे भारत को भी इन मिसाइलों से काफी खतरा है। चीन के पास तीन इंटर-कॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइलें हैं जिनकी रेंज 7,000 से लेकर 15,000 किलोमीटर तक है। इसके अलावा 4 क्रूज मिसाइलें हैं और इनकी अधिकतम रेंज 1800 किलोमीटर तक है।