नई दिल्ली: चीन की इकोनॉमिक हालात ठीक नहीं है. रियल एस्टेट से लेकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर तक सब डूबे हुए हैं. डिमांड काफी लो है. अमेरिका के साथ टशन भी विदेशी कंपनियों को चीन से पलायन करने को मजबूर कर रही है. ऐसे में भारत और अमेरिका ने चीन का और ज्यादा दम निकालने का मन बना लिया है. भारत चाहता है कि ग्लोबली चीन की जरुरत दुनिया के किसी भी देश को ना पड़े. दुनिया की चीन पर से निर्भरता पूरी तरह से खत्म हो जाए. इसके लिए भारत ने अपने 13 दोस्तों के साथ मिलकर फुलप्रूफ प्लान बना लिया है.
भारत, अमेरिका और इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क (आईपीईएफ) के 12 अन्य मेंबर्स ने फ्लेक्सिबल सप्लाई चेन तैयार करने के लिए एक एग्रीमेंट पर साइन किया है. इस एग्रीमेंट का उद्देश्य चीन से निर्भरता को कम करना है. साथ ही महत्वपूर्ण सेक्टर्स और कोर प्रोड्क्ट्स के प्रोडक्शन को मेंबर देशों में ट्रांसफर करना है.
आईपीईएफ के 14 मेंबर हैं, जिनमें भारत, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, जापान, फिजी, दक्षिण कोरिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और थाईलैंड शामिल हैं, जिनकी ग्लोबल जीडीपी में 40 फीसदी हिस्सेदारी है और साथ हअी ग्लोबल ट्रेड में इन देशों की हिस्सेदारी 28 फीसदी है. समझौते पर बुधवार को सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने आईपीईएफ मंत्रिस्तरीय बैठक में साइन किए हैं.
गोयल ने सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा ककि “भारत #IPEF सप्लाई चेन रेजिलिएंस एग्रीमेंट पर हस्ताक्षर करने के लिए अमेरिका और 12 अन्य इंडो-पैसिफिक इकोनॉमिक फ्रेमवर्क फॉर प्रॉस्पेरिटी पार्टनर्स में शामिल हो गया है, यह अपनी तरह का पहला अंतरराष्ट्रीय समझौता है जो ग्लोबल सप्लाई चेन को और मजबूत करेगा और स्थिरता को बढ़ावा देगा.
ज्यादा से ज्यादा निवेश की जरुरत
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने विज्ञप्ति में कहा कि समझौते से आईपीईएफ सप्लाई चेन को अधिक लचीला, मजबूत और अच्छी तरह से इंटीग्रेटिड बनाने और पूरे क्षेत्र के आर्थिक विकास और प्रगति में योगदान देने में मदद करेगा. यह पैक्ट अगर कोई भी पांच मेंबर देश इंप्लीमेंट करते हैं तो सभी पर लागू हो जाएगा. एग्रीमेंट से कई तरह के फायदे होंगे. जिसमें सप्लाई चेन डायवर्सिफिकेशन, फंड रेजिंग, ग्लोबल वैल्यू चेन में भारत का डीप इंटीग्रेशन, एमएसएमई को सपोर्ट आदि शामिल है.
काउंसिल की होगी स्थापना
आईपीईएफ को ट्रेड व्यापार, सप्लाई चेन, क्लीन इकोनॉमी और फेयर इकोनॉमी (टैक्स और एंटी करप्शन से जुड़े इश्यू) से संबंधित चार पिलर्स पर खड़ा किया गया है. भारत ट्रेड को छोड़कर सभी पिलर्स में शामिल हो गया है. सप्लाई चेन एग्रीमेंट में पार्टनर्स के बीच सहयोग को बढ़ाने के लिए तीन नए आईपीईएफ सप्लाई चेन बॉडीज सप्लाई चेन काउंसिल, सप्लाई चेन क्राइसिस रिस्पांस नेटवर्क और आईपीईएफ लेबर राइट्स एडवाइजरी बोर्ड की स्थापना की बात कही गई है.