नई दिल्ली: दुनिया में अपनी दबंगई चला रहा चीन तेजी से अपने परमाणु जखीरे को बढ़ाने में जुटा है. यूएस में जारी हुई ताजा रिपोर्ट में गुरुवार को इस बारे में सनसनीखेज जानकारी दी गई, जिससे भारत समेत दुनियाभर के कान खड़े हो गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक अपने विरोधियों से निपटने के लिए चीन तेजी से अपने परमाणु हथियार शस्त्रागार को बढ़ा रहा है और अब तक वह 500 से ज्यादा परमाणु बमों का निर्माण कर चुका है. इसके साथ ही वह अमेरिकी के भीतरी हिस्सों तक मार करने में सक्षम नई मिसाइल का भी निर्माण कर रहा है.
रूस- यूक्रेन युद्ध से सबक सीख रहा चीन
अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय ‘पेंटागन’ की रिपोर्ट के मुताबिक ताइवान पर कब्जे को लक्ष्य में ध्यान में रखते हुए चीन लगातार परमाणु बमों (China Nuclear Bombs Report) की संख्या बढ़ा रहा है. वह रूस-यूक्रेन युद्ध से भी सबक ले रहा है. इस युद्ध के अनुभवों से चीन यह समझ चुका है कि ताइवान के मुद्दे पर संघर्ष होने की स्थिति में उसे कैसा प्रतिरोध देखने को मिल सकता है.
अमेरिका को भी बना सकेगा निशाना
रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि चीन संभवत: पारंपरिक हथियारों का इस्तेमाल करके एक नई अंतरमहाद्वीपीय मिसाइल प्रणाली तैयार करने में जुटा है, जिसे अगर उसने तैनात कर दिया तो वह अमेरिका के हवाई और अलास्का को भी आसानी से निशाना बना सकेगा. इसके साथ ही उसके न्यूक्लियर वारहेड (China Nuclear Bombs Report) की उत्पादन क्षमता बढ़ाने और मल्टीपल इंडीपेंडेटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. अमेरिकी कांग्रेस को भेजी अपनी लेटेस्ट रिपोर्ट में पेंटागन ने कहा कि अगले दशक में भी चीन अपनी परमाणु ताकतों का तेजी से आधुनिकीकरण, विविधता और विस्तार करना जारी रखेगा.
अगले महीने मिलने वाले हैं शी-बाइडेन
पेंटागन की यह रिपोर्ट अगले महीने सैन फ्रांसिस्को में एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग शिखर सम्मेलन के मौके पर चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच होने वाली बैठक से पहले आई है. अमेरिकी रक्षा विभाग की इस रिपोर्ट का मकसद चीन की बढ़ती सैन्य क्षमताओं (China Nuclear Bombs Report) का पता लगाना है, जिसे अमेरिकी सरकार क्षेत्र में अपने प्रमुख खतरे और देश की दीर्घकालिक सुरक्षा चुनौती के रूप में देखती है.