देहरादून : चीन लगातार भारत की सीमाओं पर बसे गांवों को अपना बताता रहा है. कई ऐसी जगहें हैं, जहां चीन ने रेल नेटवर्क सहित सड़क मार्ग का निर्माण शुरू कर दिया है. इसके अलावा इससे जुड़ी ऐसी खबरें समय-समय पर आती रहती हैं. लद्दाख का इलाका हो या फिर उत्तराखंड के जोशीमठ और पिथौरागढ़ इलाके से भी चीन की नापाक हरकतों की खबरें सामने आती रहती हैं. जिसके कारण इन जगहों पर हमेशा ही भारतीय सेना अलर्ट मोड पर रहती है.
सीमावर्ती इलाकों पर केंद्र सरकार का जोर: भारत, चीन से जुड़ी सीमाओं को लेकर न केवल अलर्ट रहता है, बल्कि इनके विकास के लिए भी सरकार लगातार कोशिश कर रही है. जिससे यहां बसे लोगों को सुविधाएं मुहैया कराई जा सकें. इसके साथ ही केंद्र सरकार सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए वाइब्रेंट विलेज योजना चला रही है. उत्तराखंड में उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ़ जैसे इलाके चीन सीमा से सटे हुए हैं. भारत सरकार ने नीति माणा बॉर्डर तक 2 लाइन सड़क का निर्माण लगभग पूरा कर दिया है. इस सड़क निर्माण से हमारी सेना आसानी से सीमा तक पहुंच सकती है.
टनल से टेकल होगा चाइना: इसी कड़ी में अब राज्य सरकार ने भारत सरकार से पिथौरागढ़ से चमोली को जोड़ने के लिए एक टनल के निर्माण का अनुरोध किया है. इस टनल से 404 किलोमीटर का रास्ता ना केवल कम होगा, बल्कि भारतीय सेना को पिथौरागढ़ के सीमावर्ती इलाके में पहुंचने में लगने वाले 10 से 12 घंटे के समय को कम किया जा सकता है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से इस मामले को लेकर मुलाकात की. अब इस प्रस्ताव को लगभग मंजूरी मिल ही गई है.
चमोली ओर पिथौरागढ़ के बीच टनल: इस सुरंग का निर्माण पिथौरागढ़ के जौलिंगकांग, चमोली के लप्थल के बीच होगा. पहाड़ों को काट कर बनने वाली इस टनल का काम अगर आज शुरू होता है तो लगभग 2 साल में इसका काम पूरा हो जायेगा. सामरिक दृष्टि से जिन जिन चेक पोस्ट को फायदा देने की बात की जा रही है वो चेक पोस्ट पिथौरागढ़ जिले के मिर्थी इलाके में भी मौजूद हैं. यहां फ़िलहाल आईटीबीपी के जवान तैनात हैं. साल 2023 में ही मई महीने में केंद्र के निर्देश पर आईटीबीपी को 8.964 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करवाई है. पहले यहां की चेक पोस्ट बेहद छोटी थी, लेकिन चीन की हरकतों के बाद कैबिनेट में प्रस्ताव लाकर ITBP को जमीन उपलब्ध कराई गई.