नई दिल्ली: जातिगत जनगणना को लेकर देश की सियासत में घमासान मचा हुआ है. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से लेकर समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव जातिगत जनगणना करने की मांग कर रहे हैं. अब एनडीए के घटक दल लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के जातिगत जनगणना पर स्टैंड से एनडीए की टेंशन बढ़ती दिख रही है.
रविवारको जातिगत जनगणना पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान नेसाफ कहा कि उनकीपार्टी ने इसे लेकर अपना रुख हमेशा से ही साफरखा है. वेलोग चाहते हैं कि जातिगत जनगणना हो. उन्होंने इसका कारण बताते हुए कहा कि कई बार राज्य सरकार और केंद्र सरकार कई योजनाएं बनाती है जो किसी जाति को मुख्य धारा के साथ जोड़ने के मद्देनजर तैयार की जाती है.
उन्होंने कहा कि वह जातिगत जनगणना के आंकड़ों को सार्वजनिक करने के पक्षधर नहीं हैं, लेकिन उनका मानना है कि जातिगत आंकड़ों की जानकारी सरकारों को होनी चाहिए, ताकि इनका इस्तेमाल देश या राज्य के विकासमूलक योजनाओं में किया जा सके.
एससी में क्रीमी लेयर पर कही ये बात
उन्होंने कहा कि उनके पिता रामविलास पासवान देश के सबसे बड़े दलित नेताओं में से एक थे. राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उनके कल्याणकारी पहलों और एससी-एसटी समुदाय के लिए काम करने के लिए धन्यवाद देने के लिए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया गया.
एससी समुदाय में क्रीमी लेयर पर टिप्पणी करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि वे लोग इसका विरोध करते रहे हैं क्योंकि वे न केवल सामाजिक और शैक्षणिक पिछड़ेपन के शिकार हैं, बल्कि अस्पृश्यता के भी शिकार हैं. आजादी के इतने सालों बाद भी दलित दूल्हों को शादी के दौरान घोड़ी पर चढ़ने से रोका जाता है और उन्हें एक आईपीएस अधिकारी के बारे में भी पता चला जो अपनी शादी के लिए सुरक्षा मांग रहा है.
फिर से अध्यक्ष चुने गये चिराग
आज भी यह सुना जाता है कि दलित समुदाय के लोग मंदिरों में प्रवेश नहीं कर सकते… सुप्रीम कोर्ट के अवलोकन में अस्पृश्यता का कोई उल्लेख नहीं था. प्रधानमंत्री ने यह भी कहा है कि संवैधानिक मानदंडों के अनुसार, एससी के लिए प्रावधान जारी रहेंगे.
बता दें कि रविवार को केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान को लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पांच साल के लिए फिर से सर्वसम्मति से अध्यक्ष चुन लिया गया. इस बैठक में जम्मू कश्मीर, हरियाणा और झारखंड मेंआगामी विधानसभा चुनावों को लेकर बातचीत हुई. झारखंड में लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) राष्ट्रीय गठबंधन सहयोगी भाजपा के साथ या अपने दम पर चुनाव लड़ सकती है.