सतना: मध्य प्रदेश का इंदौर शहर स्वच्छता के मामले में देशभर में नंबर वन है। इसी से प्रेरणा लेकर सतना जिले की एक ग्राम पंचायत की सरपंच ने बड़ा फैसला लिया है। ग्राम पंचायत ने प्रति परिवार 10 रुपये प्रति महीने अनिवार्य स्वच्छता शुल्क के रूप में लगाया है। ग्राम पंचायत ने स्वच्छता को लेकर यह फैसला पहली बार किया है। महिला सरपंच गीता पांडे की अध्यक्षता वाली बड़ा इत्मा पंचायत ने अगले कुछ महीनों में घर-घर कचरा उठाने, पूरे गांव में कूड़ेदान की स्थापना, अपशिष्ट जल प्रबंधन और 1,000 पेड़ लगाने सहित अन्य सुधारों के साथ यह प्रस्ताव पारित किया।
बड़ा इत्मा पंचायत सतना जिले के रामनगर में स्थित है। लगभग 7,000 लोगों की आबादी वाली इस पंचायत में 3 हजार 100 मतदाता हैं। 75 वर्षीय सरपंच गीता पांडे ने ग्राम सभा की ओर से 27 अक्टूबर को गांव की स्वच्छता को लेकर 10 रुपये का शुल्क प्रति महीने हर घर से लेने का प्रस्ताव रखा था। इस प्रस्ताव को सरपंच, उप सरपंच और सभी पंचों ने अपनी सहमति दे दी।
1 नवंबर से लगेगा 10 रुपये प्रति माह का उपकर: सरपंच का बेटा
सरपंच गीता पांडे के बेटे सुभाष पांडे ने हमारे सहयोगी टीओआई को बताया, ‘गांव में घर-घर से कचरा उठाने के लिए एक गाड़ी खरीदी गई है। यह गाड़ी 1 नवंबर से हर घर से कचरा उठाने का काम शुरू करेगी। इसके साथ ही नवंबर के महीने से पंचायत के सभी घरों में 10 रुपये प्रति माह का अनिवार्य शुल्क भी लागू होगा।
मेरी मां स्वच्छता पर बहुत ध्यान देती: सरपंच का बेटा
पांडे ने बताया कि हमारी पंचायत में अपशिष्ट प्रबंधन एक प्रमुख मुद्दा रहा है और मेरी मां स्वच्छता पर बहुत ध्यान देती हैं। चूंकि यह एक आम समस्या है, जिसका हर कोई सामना करता है। इसलिए जब पंचायत में 10 रुपये प्रति माह स्वच्छता शुल्क लगाने का प्रस्ताव रखा गया तो सभी आसानी से सहमत हो गए।