गोपेश्वर: श्री बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को विधिविधान के साथ खोल दिए गए, लेकिन यात्रा के पहले दिन अव्यवस्था का बोलबाला रहा। नए रूट का अधिकतर यात्रियों को पता न होने के से वे पुराने रूट पर ही भटकते रहे। हालांकि पुलिस ने उन्हें नये रूट से बदरीनाथ मंदिर में दर्शनों के लिए भेजा।
साइन बोर्ड लगे न होने से यात्री परेशान दिखे। इस बार पर्यटन विभाग ने क्यूआर कोड के साथ दर्शनों का समय तीर्थयात्रियों को सुनिश्चित किए जाने का दावा किया था, लेकिन यात्रा के पहले दिन दर्शनों के लिए टोकन व्यवस्था कहीं भी नजर नहीं आई।
टोकन, पंजीकरण व क्यूआर कोड स्कैन के लिए बनने वाले कार्यालय का काम भी आधा-अधूरा है। स्थानीय लोग कपाट खुलने के दिन दर्शनों के लिए लालायित रहते हैं और उन्हें यात्रियों की कतार से हटकर कुबेर गली गेट से जाने दिया जाता है। इस बार मंदिर के आसपास भारी संख्या में पुलिस कर्मी व्यवस्था बनाने में जुटे थे। स्थानीय निवासियों को भी दर्शनों के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। माणा और बामणी गांव सहित आसपास के ग्रामीणों ने इस पर विरोध भी दर्ज कराया।
जाम से मिली निजात
बदरीनाथ धाम में यात्री वाहनों की आवाजाही के दौरान जाम की समस्या आम बात थी, लेकिन इस बार इस समस्या से निजात मिली है। महायोजना के तहत बाईपास के साथ एक अन्य मोटर मार्ग भी बना है। बाईपास से सीधे यात्री शेष नेत्र झील, माणा सड़क पर बने बस अड्डे पर पहुंच रहे हैं।
यात्रियों के वाहन यहीं पार्किंग पर खड़े कराकर शेष नेत्र झील पर नए पैदल मार्ग से भेजा जा रहा है। इस मार्ग से पैदल दूरी ज्यादा होने के चलते यात्रियों की परेशानी तो देखी गई, मगर पैदल मार्ग चौड़ा होने के चलते यात्रियों को आवाजाही करते कोई दिक्कत नहीं हुई।
माणा की महिलाओं ने नृत्य से बांधा समां
बदरीनाथ धाम में कपाट खुलने के दौरान भोटिया जनजाति की महिलाओं ने परंपरागत वेशभूषा में झुमेलो व चौफला नृत्य कर समां बांध दिया। इस दौरान यात्री भी इन महिलाओं के साथ झूमते रहे।