देहरादून : भर्ती परीक्षाओं में हुए घपलों की सीबीआई जांच के मुद्दे पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को अपना स्टैंड साफ किया। धामी ने कहा कि वो सीबीआई जांच के खिलाफ नहीं। पर जब वर्तमान भर्ती पूरी हो जाएंगी, लोक सेवा आयोग के कैलेंडर के अनुसार कार्यवाही पूरी हो जाएगी तब जरूरत पड़ने पर सीबीआई जांच करा दी जाएगी। लेकिन यदि अभी सीबीआई जांच शुरू करा दी तो पूरी भर्ती प्रक्रिया रुक जाएगी और यह युवाओं के हितों के खिलाफ होगा।
सीएम आवास में सोमवार को एलटी चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देते हुए मुख्यमंत्री ने सीबीआई जांच की मांग पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, एक राजनीतिक दल हमेशा सीबीआई की निष्पक्षता पर सवाल उठाता रहा है। उसका आरोप रहता है कि सीबीआई केंद्र के इशारे पर चलने वाली एजेंसी है। यदि ऐसा है तो यहां सीबीआई जांच की मांग क्यों? यहां तो लोग सीबीआई जांच को कोर्ट तक चले गए। देहरादून से दिल्ली तक प्रदर्शन किए जा रहे हैं।
सीएम ने कहा कि सीबीआई जांच की मांग के पीछे कुछ और ही खेल है। दरअसल, जब सीबीआई किसी मामले की जांच करती है तो कम से कम पांच से आठ साल का वक्त लगता है। ऐसे में तब तक कोई भर्ती नहीं हो सकती। सीबीआई जांच की मांग करने वाले लोग, यही चाहते हैं कि उत्तराखंड में अराजकता व अफरातफरी का माहौल बना रहे। उनकी कोशिश है कि युवा पढ़ाई और तैयारी करने के बजाए उनके साथ सड़कों पर खड़े हो जाएं। सीएम ने युवाओं से सीधे सवाल किया कि यदि पांच साल तक भर्तियां रुक जाएंगी तो कितने लोग भविष्य में नौकरियों से वंचित रह जाएंगे?
सीएम ने कहा कि नकल माफिया पर अंकुश लगाने के लिए सरकार कठोरता से कदम उठा रही है। उत्तराखंड का नकल विरोधी कानून देश का सबसे कठोर कानून है। धामी ने कहा कि सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्तियां अब नियमित रूप से जारी रहेंगी। एसीएस राधा रतूड़ी को हर 15वें दिन नियुक्ति प्रक्रिया की समीक्षा करने के निर्देश दिए गए हैं।