हल्द्वानी: उत्तराखंड के हल्द्वानी में गुरुवार को उस समय हिंसा भड़क गई. जब नगर निगम अवैध मस्जिद और मदरसा पर कार्रवाई करने पहुंचा था. हालात इतने खराब हो गए हैं कि दंगाइयों को देखते ही गोली मारने के आदेश दिए गए हैं. हल्द्वानी में अवैध निर्माण पर कार्रवाई करना प्रशासन को भारी पड़ेगा. इसकी जानकारी तो खुद नगर निगम के कर्मचारियों को भी नहीं होगा. वो नहीं जानते थे कि अवैध निर्माण पर बुलडोजर कार्रवाई का जवाब उन्हें पत्थरबाजी से मिलेगा. प्रशासन ने बुलडोजर से अवैध निर्माण को तो तोड़ दिया लेकिन इसके बाद हल्द्वानी का माहौल जिस तरह से खराब हुआ. वो हैरान करने वाला है.
हल्द्वानी हिंसा के बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने ट्वीट में कहा, भाजपा सरकार और प्रशासन की विफलता से भड़की हिंसा ! हल्द्वानी में जनता के साथ अन्याय कर रही सरकार, हिंसा में हुई लोगों की मृत्यु, हृदयविदारक. मृतकों की आत्मा को शांति दे भगवान. हिंसा को जल्द से जल्द काबू करें सरकार, पीड़ितों को मिले मुआवजा.
हल्द्वानी पहुंचे के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ये कोर्ट के आदेश पर अतिक्रमण हटाने का काम चल रहा था. गुरुवार को जब अतिक्रमण हटाने टीम गई थी तो हमला सुनियोजित तरीके से हुआ. जिस प्रकार से मारपीट के सामान इकट्ठा किया गया है वो जांच का विषय है. महिला पुलिसकर्मियों को मारा-पीटा गया है. इसे जितना खराब कहा जाए उतना कम है. देव भूमि में ऐसा कभी नहीं हुआ. यह देव भूमि की फिज़ा को खराब करने की कोशिश है. धामी ने आगे कहा, कुछ पत्रकारों को आग में झोंकने की कोशिश की गई है. मैंने SDM से भी बात की, जो भी कार्रवाई होगी की जाएगी. जो भी घायल हुए हैं उनका खयाल रख रहे हैं, कानून अपना काम कर रहा है.