देहरादून l मंगलवार को उत्तराखंड विधानसभा मानसून सत्र के दूसरी दिन की कार्यवाही शुरू हुई। नियम 310 के तहत हरिद्वार कुम्भ में हुए कोविड जांच फर्जीवाड़ा में चर्चा की विपक्ष ने मांग की। विपक्ष ने नियम 310 के तहत चर्चा करने की मांग को लेकर हंगामा किया।
वहीं बता दें कि सदन की कार्यवाही शुरु होने से पहले ही कांग्रेस के दो विधायकों ने धरना दिया. धारचूला से कांग्रेस विधायक हरीश धामी और केदारनाथ से विधायक मनोज रावत धरने पर बैठे। धारचूला विधायक हरीश धामी ने धारचूला विधानसभा क्षेत्र में अपनी विधायक निधि से टावर का बजट जारी होने के बाद भी टावर शुरू न होने को लेकर धरना दिया। विधायक ने विधानसभा क्षेत्र में नेटवर्किंग न होने से देश की सुरक्षा को खतरा बताया। हरीश धामी ने कई जगहों पर नेपाल के नेटवर्किंग से देश की सुरक्षा को खतरा बताया. हरीश धामी का कहना है कि नेटवर्किंग न होने से छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई भी दो सालों से नहीं हुई है.
सीएम पुष्कर धामी ने हरीश धामी को धरना स्थल से उठाया
वहीं बता दें कि कुछ देर बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कांग्रेस विधायक का धरना समाप्त करवाया। सीएम पुष्कर सिंह धामी धरने पर बैठे कांग्रेस विधायक हरीश धामी के पास पहुंचे और उनको समझा कर धरना समाप्त कराते हुए सदन में ले गए। सीएम के व्यवहार ने सबका दिल जीत लिया जो की चर्चाओं का विषय बना है।
केदारनाथ से विधायक मनोज रावत ने की ये मांग
वहीं बता दें कि हरीश धामी के साथ केदारनाथ से विधायक मनोज रावत भी धरने पर बैठे थे जिन्होंने चार धाम यात्रा खोलने की मांग को लेकर धरना दिया। मनोज रावत ने कहा कि चार धाम यात्रा से जुड़े लोगों के सामने आर्थिक का संकट पैदा हो गया है। मनोज रावत का कहना है कि सरकार कोर्ट में पैरवी नहीं कर पा रही है। विधायक मनोज रावत ने प्रदेश में भूमिहीन किसानों का मुद्दा उठाया। विधायक ने पूछा शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों में क्रय की जानी वाली भूमि की अधिकतम सीमा निर्धारित सरकार कब करेगी।
संसदीय कार्यमंत्री के जवाब से सन्तुष्ट नजर नहीं आये विधायक
संसदीय कार्यमंत्री बंशीधर भगत ने बताया कि सरकार भूमि सुधात कानून को मजबूती से लागू कर रही है। राज्य में 10 नाली वाले को भूमिहीन मानते हैं। कहा कि सरकार ब्याज मुक्त ऋण दे रही है। वहीं संसदीय कार्यमंत्री के जवाब से विधायक मनोज रावत सन्तुष्ट नजर नहीं आये।
खबर इनपुट एजेंसी से