रुद्रपुर। लोकसभा चुनाव-2024 से पहले उत्तराखंड कांग्रेस संगठन में एक बार फिर हलचल बढ़ गई है। उत्तराखंड भाजपा संगठन में भी सुगबुहाट तेज हो गई है। पूर्व कैबिनेट मंत्री को लेकर सभी की धड़कने तेज हो गईं हैं। उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर सियासी गलियारों में ‘बदलाव’ को लेकर चर्चाएं तेज हैं। राजनीति गलियारां में हर तरफ अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है। उत्तराखंड कांग्रेस संगठन और कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं को लेकर बीते दिनों पूर्व कैबिनेट मंत्री, किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ के तेवर ने कांग्रेस को सोचने के लिए मजबूर कर दिया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ किच्छा विधायक तिलकराज बेहड़ की मुलाकात कई राजनीतिक मायने भी निकल कर सामने आ रहे हैं। धामी से बेहड़ की मुलाकात के बाद चर्चा है कि बेहड़ सियासत के मैदान में एक तीर से दो निशाने साधने की तैयारी में हैं। चर्चाओं की मानें तो बेहड़, भाजपा से खुद के लिए नैनीताल-ऊधमसिंहनगर संसदीय सीट पर टिकट और अपने बेटे के लिए किच्छा विस क्षेत्र में जमीन तैयार करना चाहते हैं। यदि ऐसा हुआ तो तराई में कांग्रेस के लिए यह बड़ा झटका साबित होगा।
कांग्रेसी नेता तिलकराज बेहड़ का तराई क्षेत्र में बड़ा कद है। भाबर में भी उनके तमाम समर्थक हैं। वह कांग्रेस और भाजपा में संगठन और सत्ता के ऊंचे पदों पर रह चुके हैं। पूर्व में हल्द्वानी विधानसभा से वह वर्ष 1993 और 1996 में दो बार भाजपा के टिकट पर चुनाव जीते थे। हालांकि, 1991 के चुनाव में उन्हें इसी सीट पर कांग्रेस के दिग्गज नेता नारायण दत्त तिवारी के सामने हार का मुंह देखना पड़ा था।
बाद में बेहड़ कांग्रेस में शामिल हो गए थे। इसके पश्चात वर्ष 2002 और 2007 का विधानसभा चुनाव उन्होंने रुद्रपुर सीट से कांग्रेस के टिकट पर लड़ा और दोनों में जीत भी हासिल की। वर्ष 2012 और 2017 में रुद्रपुर विधानसभा सीट पर उन्हें हार का सामना करना पड़ा। वहीं वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में वह कांग्रेस के ही टिकट पर किच्छा सीट से विजयी हुए।
बेहड़ के तेवरों के बाद डैमेज कंट्रोल में जुटे थे रावत-माहरा
बीते दिनों वरिष्ठ कांग्रेसी नेता बेहड़ के तीखे बयानों और उपेक्षा के आरोपों के बीच खुद पूर्व सीएम हरीश रावत और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा उनसे मिलने पहुंचे थे। इन दोनों नेताओं की मुलाकात को डैमेज कंट्रोल की रणनीति माना जा रहा है। वहीं हरीश रावत ने कहा कि बेहड़ को एआईसीसी में होना चाहिए था और वह जल्द इसमें होंगे।
करन माहरा ने भी बेहड़ की मांगों को लेकर कार्यवाही का आश्वासन दिया था। दरअसल, बीते दिनों बेहड़ का स्वास्थ्य जानने को भाजपाइयों ने एक के बाद एक उनके मुलाकात की थी। वह भी ऐसे समय पर जब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रुद्रपुर आने के बाद भी उनसे मिलने नहीं गए। वहीं, बीते गुरुवार को बेहड़ के अचानक सीएम से मिलने के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गईं।