देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की आने वाले दिनों में टेंशन बढ़ सकती है। सरकारी कर्मचारियों ने प्रदेशभर में उत्तराखंड सरकार और केंद्र सरकार को घेरने का जोरदार प्लान बनाया है। आक्रोशित कर्मचारियों का कहना है कि कई बार लंबित मांगों के निस्तारण के लिए सरकार को ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन सरकार की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हुई।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन (एनएमओपीएस) ने बजट सत्र में पुरानी पेंशन बहाली पर फैसला न होने पर नाराजगी जताई। वित्त मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की ओर से पुरानी पेंशन बहाली को केंद्र का विषय बताने पर भी सख्त एतराज जताया। जल्द मांग पूरी न होने पर भविष्य में हड़ताल की चेतावनी दी।
एनएमओपीएस की हुई बैठक में प्रांतीय अध्यक्ष जीतमणि पैन्यूली और प्रांतीय महामंत्री मुकेश रतूड़ी ने कहा कि बजट सत्र में वित्त मंत्री प्रेमचंद्र अग्रवाल ने पुरानी पेंशन बहाल न किए जाने की बात कही है। साथ ही पुरानी पेंशन बहाली को केंद्र का विषय बताया। उनके इस बयान की सभी कर्मचारी कड़ी भर्त्सना करते हैं। उत्तराखंड के 90 हजार से अधिक अधिकारी, कर्मचारी, शिक्षक चार सालों से पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर रहे हैं।
राजस्थान, छत्तीसगढ़ , झारखंड , पंजाब और हिमाचल में पुरानी पेंशन बहाल हो चुकी है। दूसरी ओर जहां डबल इंजन की सरकारें हैं, वहां नकारात्मक रुख अपनाया जा रहा है। बैठक में जगमोहन सिंह रावत, शांतनु शर्मा, सूर्य सिंह पंवार, मनोज अवस्थी, कीर्ति भट्ट, हर्षवर्धन जमलोकी, उर्मिला द्विवेदी आदि मौजूद रहे।
सांसदों के घर पर बजाई जाएगी घंटी बैठक में पदाधिकारियों ने बताया कि कर्मचारी 16 अप्रैल को देश के सभी जिला मुख्यालयों में संवैधानिक मार्च निकालेंगे। जून महीने में पेंशन रथ यात्रा निकाली जाएगी। एक अगस्त से नौ अगस्त के बीच समस्त सांसदों के घर पर पेंशन घंटी बजाओ कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
पुरानी पेंशन बहाली के लिए 16 को ‘संवैधानिक मार्च’ निकलेगा
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन संगठन की ओर से रविवार को नगर पालिका सभागार में बैठक की गई। इसमें आगामी 16 अप्रैल को अल्मोड़ा में प्रस्तावित संवैधानिक मार्च को सफल बनाने के लिए विस्तार से चर्चा हुई। साथ ही बैठक कर पुरानी पेंशन बहाली के लिए घंटी बजाओ कार्यक्रम भी घोषित किया गया।
पुरानी पेंशन बहाली राष्ट्रीय आंदोलन की जिला और ब्लॉक कार्यकारिणी की बैठक को संबोधित करते हुए संगठन के जिलाध्यक्ष गणेश भंडारी ने कहा कि पुरानी पेंशन कार्मिको का हक है। कार्मिकों का पैसा शेयर बाजार के हवाले किया जा रहा है। जिससे उनका भविष्य खतरे में है। बैठक में जिला मंत्री भूपाल सिंह चिलवाल ने कहा कि पेंशन न केवल कार्मिकों के बुढ़ापे का सहारा है, बल्कि उनका संवैधानिक अधिकार है।
जिसकी बहाली तक आंदोलन जारी रहेगा। 16 अप्रैल को आयोजित पेंशन संवैधानिक मार्च की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। तय किया गया की विरोध मार्च को सफल बनाने के लिए जिले में संपर्क अभियान चलाया जाएगा। विधानसभा सत्र में पुरानी पेंशन का मुद्दा उठाने के लिए विधायक मनोज तिवारी का धन्यवाद ज्ञापित किया गया। संचालन धौलादेवी ब्लाक संयोजक राजू महरा ने किया।