पटना: बिहार के मुख्यमंत्रीनीतीश कुमार लोकसभा चुनाव से पहले एक बार फिर एनडीए खेमे में शामिल हो गए हैं। इसके बावजूद, बीजेपी बिहार में अपनी रणनीति को बरकरार रखी है। बीजेपी का पूरा फोकस अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) के बीच अपनी पकड़ मजूबत करने को प्राथमिकता दे रही है। माना जाता है कि बिहार की राजनीति में ओबीसी और ईबीसी वर्ग महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दरअसल बिहार जाति सर्वेक्षण की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, ये दोनों समुदाय राज्य की कुल आबादी का 63 प्रतिशत हिस्सा हैं। यही वजह है कि बीजेपी आगामी लोकसभा चुनावों के मद्देनजर इस वर्ग को अलग-अलग तरीकों से अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रही है। बिहार बीजेपी का प्लान राज्य में अपने दम पर सरकार बनाने का है।
नीतीश की पिछड़ा-अति पिछड़ा समाज में मजबूत पकड़
दरअसल नीतीश कुमार ने पिछले कुछ साल में सरकारी योजनाओं को लागू करके अन्य पिछड़ा और अति पिछड़ा वर्ग के वोटर के बीच मजबूत पकड़ बना ली है। इस वर्ग का नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू को लगातार समर्थन भी मिला है। यही वजह है कि बीजेपी हमेशा नीतीश के साथ गठबंधन करने की इच्छुक रही है। हालांकि, बीजेपी अब अपने सहयोगी पर निर्भरता कम करने की कोशिश कर रही है। इसी के तहत बीजेपी अति पिछड़ा वर्ग और दलित वर्ग में सेंध लगाने की कोशिश कर रही है। बता दें, जेडीयू हाल ही में राजद, कांग्रेस और वाम दलों के साथ महागठबंधन सरकार में 17 महीने के कार्यकाल के बाद एनडीए में फिर से शामिल हो गई।
भीम सिंह और धर्मशीला गुप्ता के जरिए बीजेपी ने दिया संदेश
हाल ही में बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव के लिए डॉ भीम सिंह और धर्मशीला गुप्ता पर दांव चल दिया। दोनों नेता अन्य पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज से हैं। डॉ भीम सिंह चंद्रवंशी समाज से आते हैं, वहीं धर्मशीला गुप्ता अन्य पिछड़े समाज से हैं। बीजेपी ने इस कदम से इस समाज से आने वाले पार्टी के कार्यकर्ताओं को साफ संदेश देने की कोशिश की है कि उसे उनकी भी चिंता है। हालांकि यह कदम प्रतीकात्मक हो सकता है, लेकिन इसके दूरगामी परिणाम होने की संभावना है।
राज्यसभा चुनाव से पहले भी बीजेपी ने पिछले महीने नीतीश के साथ आने पर भी जातीय संतुलन पर फोकस किया था। बीजेपी ने फिर से एनडीए सरकार बनने के बाद अपने ही खेमे से दो उपमुख्यमंत्री नियुक्त किए थे। संतुलन बनाने के लिए, सम्राट चौधरी को एक पद दिया गया, जबकि दूसरा पद विजय कुमार सिन्हा को मिला, जो भूमिहार समाज से आते हैं।