मध्य प्रदेश के उज्जैन में ‘महाकाल लोक‘ निमार्ण के दूसरे चरण का काम प्रारंभ हो गया है. ऐसे में जायजा लेने खुद सीएम शिवराज सिंह चौहान पहुंचे. उन्होंने कहा कि 47 हेक्टेयर का यह विशाल परिसर भारत की आध्यात्मिक ऊर्जा का अलौकिक केंद्र होगा. इस दौरान सीएम ने महाकाल लोक का बदलने की बात भी कही. सीएम ने कहा कि ‘श्री महाकाल लोक’ को ‘श्री महाकाल महालोक’ से जाना जाएगा. सीएम ने कहा कि शिखर दर्शन, ध्यान कक्षा, छोटे रुद्र सागर का क्षीर्णोद्धार, 10 वीं शताब्दी के निकले मंदिरों को व्यवस्थित करना, महाराजवाड़ा हेरिटेज धर्मशाला जब यह कार्य पूर्ण होंगे तो श्री महाकाल लोक, श्री महाकाल महालोक में परिवर्तित होगा.
शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह 351 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से निर्मित श्री महाकाल लोक गलियारे के पहले चरण को राष्ट्र को समर्पित किया था. सीएम ने आगे यह भी कहा कि श्री महाकाल लोक के दूसरे चरण का काम शुरू हो गया है, जिसमें शिखर दर्शन का विकास, ध्यान कक्ष, छोटा रुद्र सागर का जीर्णोद्धार, प्राचीन मंदिरों का जीर्णोद्धार और धरोहर धर्मशाला शामिल है. आपको बता दें कि महाकाल लोक का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था. पहले चरण का काम अभी पूरा हुआ है.
देश के राज्यपालों और मंत्रियों को करेंगे दर्शन के लिए आमंत्रित
इससे पहले सीएम ने उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर पुनर्विकास परियोजना के द्वितीय चरण के काम का जायजा लिया और महाकाल लोक गलियारे के निर्माण में शामिल श्रमिकों और शिल्पकारों का अभिनंदन किया. सीएम ने कहा कि वह एक पत्र के साथ महाकाल मंदिर का प्रसाद देश के राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों और केंद्रीय मंत्रियों सहित देश के गणमान्य व्यक्तियों को भेज कर उन्हें महाकाल लोक के दर्शन के लिए आमंत्रित करेंगे.
सिटी फॉरेस्ट भी होगा विकसित
मुख्यमंत्री ने महाकाल लोक परियोजना के दूसरे चरण के तहत 11.36 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से सात एकड़ भूमि पर विकसित होने वाले मेघदूत उपवन की आधारशिला भी रखी. उन्होंने कहा कि प्रशासन ने अतिक्रमण हटाकर और भू-माफियाओं द्वारा निर्मित 187 दुकानों और उद्यानों को ध्वस्त कर इस परियोजना के लिए 69 करोड़ रुपए की भूमि का अधिग्रहण किया है. चौहान ने कहा कि स्मार्ट सिटी विभाग इस जमीन पर सिटी फॉरेस्ट विकसित करेगा, जिसमें चार्जिंग स्टेशन, वॉकिंग ट्रैक, बैठने की जगह, कैफेटेरिया के साथ 650 वाहनों के लिए पार्किंग की सुविधा होगी और नदी तट का सौंदर्यीकरण किया जाएगा.