भोपाल। मध्य प्रदेश की आर्थिक सेहत भले ही ठीक न हो, इससे राजनीतिक दलों का कोई लेना-देना ही नहीं रह गया है। एक तरफ प्रदेश पर ऋण का बोझ बढ़ते हुए तीन लाख करोड़ पार कर गया है और प्रदेश का हर व्यक्ति 48 हजार रुपये कर्ज में डूबा हुआ है, तो दूसरी तरफ लाड़ली बहना जैसी शिवराज सरकार की योजना को लेकर भाजपा और कांग्रेस में खींचतान शुरू हो गई है। भाजपा ने प्रति महीने 1000 रुपये देने की घोषणा कर दी है, तो कांग्रेस सरकार में आने पर इसे बढ़ाकर 1500 रुपये करने का वादा कर रही है। इसके साथ में कांग्रेस की नई घोषणा पांच सौ रुपये में रसोई गैस सिलेंडर देने की है। इससे पहले कांग्रेस पुरानी पेंशन बहाली, किसान कर्जमाफी सहित कई घोषणाएं कर चुकी है।
भारी खर्च कैसे होंगे पूरे
कांग्रेस की 15 महीने की सरकार के आंकड़े सामने रखते हुए भाजपा पलटवार करती रही है कि कांग्रेस अपने वादे नहीं निभाती। इस बीच बड़ा सवाल उठ रहा है कि जिस राज्य में विकास के लिए 30 प्रतिशत बजट न हो, उसमें ये भारी-भरकम खर्च कैसे पूरे होंगे? पूर्व नौकरशाहों का भी मानना है कि ऐसी योजनाओं से प्रदेश की वित्तीय स्थिति बिगड़ सकती है। चुनावी नैया पार लगाने के लिए भाजपा ने जातिगत समीकरणों के साथ महिलाओं के वोट भी साधने की कवायद को न सिर्फ जारी रखा है, बल्कि उसे नई योजनाओं से मजबूती भी दे रही है।
महिलाओं का साथ पाने की कोशिश
स्पष्ट है कि महिलाओं का साथ मिल गया तो भाजपा 51 प्रतिशत से अधिक वोट शेयर के लक्ष्य को आसानी से प्राप्त कर सकेगी। लाड़ली लक्ष्मी योजना में अब तक 44.39 लाख बालिकाओं को पंजीकृत किया जा चुका है। इसके लिए बजट में सरकार ने 929 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए हैं। महिला स्व-सहायता समूहों से 47 लाख से अधिक महिलाएं जोड़ी जा चुकी हैं। इन समूहों को पांच हजार 84 करोड़ रुपये से अधिक का क्रेडिट लिंकेज दिया गया है।
आर्थिक संतुलन को नुकसान पहुंचा सकती है
प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना में प्रदेश में करीब 33 लाख हितग्राहियों का पंजीयन हुआ है और एक हजार 466 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है। इनके अलावा भी कई योजनाओं से महिलाओं को सशक्त बनाने के प्रयास किए जा रहे हैं। आर्थिक विश्लेषकों का मानना है कि गरीबी हटाने और सामाजिक न्याय के फेर में भारी भरकम बजट की योजनाएं आर्थिक संतुलन को नुकसान पहुंचा सकती हैं। आमदनी बढ़ने के साथ यदि व्यय बढ़ाया जाए तो संतुलन बनाया जा सकता है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी मुफ्त की रेवड़ी बांटने जैसी योजनाओं की आलोचना की है, लेकिन चुनावी साल में इसे भी नजरअंदाज किया जा रहा है।
ऐसे बढ़ेगा राज्य पर आर्थिक बोझ
लाड़ली बहना योजना
भाजपा एक हजार रुपये प्रति माह देंगे। एक करोड़ 30 लाख (संभावित) महिलाएं लाभांवित होंगी। खर्च 12 हजार करोड़ रुपये प्रति वर्ष होगा। कांग्रेस का दावा: डेढ़ हजार रुपये प्रति माह देंगे। इससे 18 हजार करोड़ रुपये प्रति वर्ष खर्च बढ़ेगा।
बिजली पर सब्सिडी
भाजपा अटल गृह ज्योति योजना में सौ रुपये में सौ यूनिट देगी। किसानों को पांच हार्स पावर तक मुफ्त बिजली मिलेगी। कुल सब्सिडी 22,500 करोड़ होगी। कांग्रेस: इंदिरा गृह व कृषि ज्योति में 300 रुपये में 300 यूनिट बिजली देगी। सब्सिडी 33,000 करोड़ होगी।
कांग्रेस की घोषणाएं
- रसोई गैस सिलेंडर में पांच सौ रुपये में देंगे।
- 80 लाख उज्ज्वला कनेक्शन हैं। छह सिलेंडर पर सब्सिडी देंगे। 3,500 करोड़ रुपये आएगा खर्च।
- पुरानी पेंशन योजना बहाली कर कर्मचारियों को राहत देंगे।