आनंद अकेला की रिपोर्ट
भोपाल। मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने बड़ा फेरबदल करते हुए अब मुकुल वासनिक को प्रदेश का प्रभारी बनाया है। सूत्रों के मुताबिक इस बड़े फेरबदल के पीछे दीपक बाबरिया और कमलनाथ के बीच मन-मुटाव की खबर आ रही थी l जिस वजह से पार्टी ने दीपक बाबरिया को पदमुक्त कर मुकुल वासनिक को ये जिम्मेदारी सौंपी है l
दीपक बाबरिया राहुल गांधी के बेहद करीबी मानें जाते है लेकिन कार्यकर्ताओं के बाबरिया की पकड़ कमजोर हैं। विधानसभा चुनाव के दौरान भी रीवा और विदिशा में उनके साथ बदसुलूकी भी की गयी थी l साथ ही ऐसी हवाई फायर भी हो रही है कि दीपक बाबरिया ज्योतिरादित्य सिंधिया के संपर्क में है एवं ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करते रहे हैं। एवं जब प्रदेश में कमलनाथ की सरकार थी उस वक्त भी दीपक बावरिया सरकार और पार्टी के बीच तालमेल बिठा पाने में नाकाम रहे थे। कई बार देखा गया कि उनके निर्णय को लेकर पार्टी के कार्यकर्ताओं में विरोधाभास रहता था।
दीपक बावरिया जबसे प्रभारी मंत्री बनकर मध्य प्रदेश आए थे तभी से पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के साथ उनके रिश्तो में खटास आ गई थी। दीपक बावरिया ने दिग्विजय सिंह से परामर्श किए बिना कई फैसले लिए जिस वजह से दीपक बावरिया को पदमुक्त कर मुकुल वासनिक को प्रदेश का प्रभारी बनाया गया है। इसके साथ ही आने वाले समय प्रदेश में 24 सीटों में उपचुनाव होने हैं। जिसमें बेहतर प्रदर्शन करके कांग्रेस पुनः प्रदेश की सत्ता पर काबिज हो सकती है। इसके लिए पार्टी को न केवल एक बेहतर रणनीतिकार चाहिए बल्कि संगठन में जमीनी स्तर पर लोगों से जुड़ने वाले चेहरे की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। मुकुल वासनिक इसमें पूरी तरह से फिट बैठते हैं। आइए जानते हैं कौन है मुकुल वासनिक, राजनीति का कितना अनुभव है और कांग्रेस पार्टी में क्या वजूद रखते हैं।
बालकृष्णा वासनिक के बेटे हैं, 28 साल की उम्र में सांसद बन गए थे
मुकुल वासनिक महाराष्ट्र से कांग्रेस के सीनियर नेताओं में से एक रहे हैं। मुकुल वासनिक कांग्रेस के बड़े नेता और तीन बार के सांसद बालकृष्णा वासनिक के बेटे हैं। बालकृष्ण वासनिक कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में से रहे हैं। वह महाराष्ट्र के बुलढाना से सिर्फ 28 साल की उम्र में लोकसभा सांसद चुने गए थे। मुकुल वासनिक ने कई महत्वपूर्ण पदों पर अपनी सेवाएं दे रखी हैं और वह कांग्रेस पार्टी के एक जाने माने चेहरा हैं।
मध्यप्रदेश में युवा चेहरों को एकजुट करने में सक्षम
उन्होंने बेहद ही छोटी से आयु में राजनीति में कदम रखा था और आज वह एक प्रसिद्ध नेता के तौर पर जाने जाते हैं। मुकुल वासनिक लंबे समय से कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं। मुकुल वासनिक तीन बार सांसद रहे चुके हैं। वह पहली बार 1984-1989 में लोकसभा के सांसद बने थे। इसके बाद इन्होंने साल 10 वीं और 12 वीं लोकसभा का चुनाव लड़ा था और जीतकर फिर से सांसद बनें थे। माना जा रहा है कि मुकुल वासनिक मध्यप्रदेश में युवा चेहरे को एकजुट करने में सक्षम हैं। इसके अलावा पार्टी के बड़े कार्यकर्ताओं के साथ भी उनका अच्छा तालमेल हैं। मुकुल वासनिक के आने से प्रदेश के युवा नेताओं खासकर जयवर्धन और नकुल नाथ को काफी लाभ मिलेगा।
पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने बताया पार्टी को मिलेगी मजबूती
पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह राहुल ने कांग्रेस के महासचिव मुकुल वासनिक को प्रदेश प्रभारी बनाये जाने पर बधाई देते हुए उन्हे शुभकामनाएं दी। साथ ही पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इससे पार्टी को प्रदेश में मजबूती मिलेगी।
पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने स्वागतयोग्य कदम बताया
कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे जयवर्धन सिंह ने मुकुल वासनिक को प्रदेश प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपने को स्वागत योग्य कदम बताते हुए कहा कि इससे प्रदेश में पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को काफी कुछ नया सीखने को मिलेगा।