राजस्थान (Rajasthan) में चल रहे राजनीतिक घमासान (Political Crisis) को कांग्रेस (Congress) अब सुलझाने में जुट गई है। इसी कड़ी में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) सोमवार को नई दिल्ली में अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) और पार्टी में राजस्थान के मुख्यमंत्री के सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी सचिन पायलट (Sachin Pilot) से मुलाकात करेंगे। इस बैठक में दोनों नेताओं की बीच चल रही खींचतान को कम करने कोशिश की जाएगी, क्योंकि पार्टी नहीं चाहती कि इस आपसी कलह का असर राज्य विधानसभा चुनाव पर पड़े।
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने आज दिल्ली में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के साथ बैठक को लेकर कहा, “वे आ रहे हैं। हम पार्टी के हित में जो कुछ भी होगा, उस पर चर्चा करेंगे और तय करेंगे।” Indian Express के मुताबिक, पार्टी के सूत्रों ने बताया कि खड़गे गहलोत और पायलट से अलग-अलग मिलेंगे। ऐसा इसलिए किया जा रहा है ताकि पहले दोनों नेताओं के नजरिए को अलग-अलग तरह से समझा जा सके। उन्होंने बताया कि मतभेदों को दूर करने के बाद ही कोई ज्वाइट मीटिंग की जा सकती है।
राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी (RPCC) जुलाई 2020 से उथल-पुथल की स्थिति में है, जब पायलट ने राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर विद्रोह किया था। पार्टी ने तब उन्हें उपमुख्यमंत्री और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष के पद से हटा दिया था, लेकिन उसके बाद से ही तनाव बरकरार है।
पिछली वसुंधरा राजे के नेतृत्व वाली BJP सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर अप्रैल में जयपुर में पायलट ने एक दिन की भूख हड़ताल की थी। उनके इस कदम से एक बार फिर चिंगारी भड़क उठी।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने मामले को संभालते हुए, देर रात बयान जारी करते हुए कहा कि उपवास पार्टी के हितों और पार्टी विरोधी गतिविधि के खिलाफ था। पायलट के अनशन को गहलोत को घेरने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। इसके कुछ दिनों बाद केंद्रीय नेतृत्व ने पूर्व डिप्टी सीएम से बातचीत की।
कांग्रेस ने अनुभवी कमलनाथ को दोनों पक्षों के बीच मध्यस्थता करने के लिए मैदान में उतारा है। नाथ ने पायलट और संगठन के प्रभारी महासचिव के सी वेणुगोपाल से मुलाकात की। लेकिन इन मुलाकातों से कुछ नहीं निकला।
‘पूर्व मुख्यमंत्री राजे ने 2020 में उनकी सरकार गिराने से बचा ली थी, क्योंकि उन्होंने विधायकों को रिश्वत देने के BJP की कोशिशों का विरोध किया था।’ इस महीने की शुरुआत में गहलोत के इस बयान के बाद से मामला और बिगड़ गया।
इसके बाद पायलट ने गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि उनकी नेता वसुंधरा राजे हैं, न कि सोनिया गांधी। इसके बाद उन्होंने भ्रष्टाचार के मामलों में कार्रवाई की मांग को लेकर पांच दिन की यात्रा भी की।