भोपाल: मध्य प्रदेश में फिलहाल विधानसभा चुनाव के नतीजे नहीं आए हैं लेकिन उससे पहले ही कांग्रेस पार्टी ने मान लिया है कि उसकी ही सरकार बनने वाली है. पार्टी चुनाव पूर्व किये गये विभिन्न एजेंसियों के सर्वे से उत्साहित है. यही वजह है कि कांग्रेस ने प्रदेश में अपने सभी प्रत्याशियों को एक विशेष सर्कुलर जारी किया है. कांग्रेस के इस सर्कुलर में सभी प्रत्याशियों को यह आदेश दिया गया है कि जहां और जिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने बीजेपी के लिए काम किया है, उनके नाम भेजे जल्द से जल्द जाएं. उनके खिलाफ बाद में कार्रवाई होगी.
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के नतीजे भी बाकी राज्यों के साथ 3 दिसंबर को आएंगे. मगर उससे पहले कांग्रेस का यह सर्कुलर पूरे प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है. मतदान खत्म हो गया लेकिन ऐसा लगता है अब भी कांग्रेस-बीजेपी एक दूसरे से लड़ाई लड़ रही है. कांग्रेस मुख्यालय से सभी प्रत्याशियों को जारी आदेश में 30 नवंबर तक बीजेपी के लिए काम करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों का ब्यौरा भेजने को कहा गया है.
कांग्रेस ने सलमान की हत्या का मामला उठाया
कांग्रेस नेताओं ने सवाल उठाया है कि छतरपुर में हमारे पार्षद सलमान खान की हत्या कर दी गई. वहां प्रशासन क्या कर रहा था? का्ंग्रेस ने कहा है सरकार के गठन के बाद जो भी ऐसे चंद अधिकारी हैं जिन्होंने बीजेपी के लिए काम किया है, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.
मतदान से पहले मध्य प्रदेश में कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी के साथ-साथ सरकारी अफसरों को भी जमकर टारगेट किया था. कमलनाथ चुनावी रैलियों में बार-बार कहते रहे हैं कि अधिकारी बीजेपी का बिल्ला लेकर घूम रहे हैं. याद रहे कि कल के बाद परसों भी आता है.
बीजेपी ने बताया- कांग्रेस हार से बौखलाई
हालांकि बीजेपी ने अपने प्रत्याशियों को जारी किये गये कांग्रेस के इस सर्कुलर को हार की बौखलाहट करार दिया है. बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस ने हार से पहले ही बहाना खोज लिया है. कांग्रेस अपनी हार की वजह कभी EVM को बताती है तो कभी अधिकारियों को. कांग्रेस के पास कहने के लिए इससे ज्यादा नहीं है.
उधर राजपत्रित अधिकारी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अशोक शर्मा का कहना है कि कमलनाथ ने सही कहा है, किसी भी अधिकारी को किसी भी दल के लिए काम नहीं करना चाहिए.