नई दिल्ली। क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक दिल्ली हाईकोर्ट ने रिहा कर दिया। उन पर अब कोई प्रतिबंध नहीं है। लेकिन वांगचुक को दिल्ली में विरोध की अनुमति नहीं मिली। कोर्ट ने वांगचुक की रिहाई और उनके ठिकाने की मांग करने वाली कई याचिकाओं में से एक को लंबित रखा है। इस बीच उन्होंने एक ताजा बयान में कहा कि शांतिपूर्वक विरोध के लिए उन्होंने जगह तय कर ली है।
लद्दाख से दिल्ली पहुंचे सोनम वांगचुक के काफिले को रोकने के साथ उन्हें हिरासत में ले लिया गया था। दिल्ली पुलिस के इस एक्शन को लेकर सामाजिक कार्यकर्ता आजाद और लेह एपेक्स बॉडी के कानूनी सलाहकार वकील मुस्तफा हाजी द्वारा दो याचिकाएं दायर की गईं, जिन्होंने कहा कि उन्होंने वांगचुक के साथ मिलकर काम किया है। याचिकाओं में कार्यकर्ता की रिहाई की मांग की गई थी।
कोर्ट के रिहाई के आदेश के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को हलफनामा दायर करने और पुलिस को अपना रुख स्पष्ट करने की अनुमति दी है। सोनम वांगचुक ने अपने मांग को जारी रखने की प्रतिबद्धता दोहराई और कहा, “हम एक ऐसी जगह की तलाश कर रहे थे जहां हम अपनी शांतिपूर्ण भूख हड़ताल कर सकें, लेकिन हमें वह जगह नहीं दी गई। इसलिए हमारे पास लद्दाख भवन से (भूख हड़ताल) शुरू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था, जहां हमें एक तरह से हिरासत में रखा गया है।”