भीलवाड़ा: कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और प्रियंका गांधी के करीबी सहयोगी धीरज गुर्जर ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। शनिवार रात को कोटडी उपखंड क्षेत्र के कोठाज गांव में आयोजित भजन संध्या के दौरान उन्होंने अधिकारियों और कर्मचारियों को धमकाते हुए कहा, अगर कोई आपकी बात प्रेम से नहीं मानता तो जूते मारने के लिए आपका बेटा धीरज तैयार है। धीरज गुर्जर का यह बयान तब सामने आया जब वे कार्यक्रम में उपस्थित भजन सुनने आए लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि वे हर घर के बच्चों को शिक्षा दिलाने के लिए तैयार हैं और साथ ही रोजगार का भी वादा किया।
“…तब तक कोटडी के लोग अकेले नहीं होंगे”
उन्होंने भाजपा नेताओं पर हमला करते हुए कहा, “जो 14-15 साल में काम नहीं हुआ, वह काम हमने एक वर्ष में कर दिया, लेकिन अब इस एक साल में लोगों की जेब काटी जा रही है और चांदी के जूते पड़ रहे हैं। पुलिस स्टेशन, तहसील, पटवारी व सचिव के पास जो आदमी जा रहा है, उनके बिना पैसा काम नहीं हो रहा है।” इसके बाद उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाते हुए कहा, “यह जवानी भी आपके नाम है और बुढ़ापा भी आपके नाम है, जब तक मैं और मेरे छोटे भाई नीरज गुर्जर जिंदा हैं, तब तक कोटडी के लोग अकेले नहीं होंगे। हम आपकी सेवा करेंगे, आपके सुख-दुख में आपके साथ खड़े रहेंगे।”
इस दौरान उन्होंने कहा, “अगर कोई आपकी बात प्रेम से नहीं मानता, तो (जरबे मेल कर) जूते मारकर काम कराने के लिए आपका बेटा धीरज तैयार है।” गुर्जर ने कहा, “धीरज गुर्जर मर जाएगा, लेकिन आपको अकेला नहीं छोड़ेगा। आपके मन में हिम्मत और विश्वास रखो, क्योंकि आपके लिए धीरज गुर्जर तलवार और ढाल बनकर खड़ा रहेगा।”
इससे पहले एक पुलिस के खिलाफ दिया था बयान
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब धीरज गुर्जर ने ऐसे विवादित बयान दिए हैं। दो महीने पहले भी उन्होंने पुलिस के खिलाफ एक बयान देते हुए कहा था, “अगर पुलिस में दम है तो गुर्जर लिखी गाड़ी को पकड़े और थाने में डाले, चैलेंज करता हूं, ऐसा किया तो मेरा जूता बात करेगा।” उन्होंने यह भी कहा था, “अगर किसी कार्यकर्ता की मोटरसाइकिल का हाथ भी लगाया तो धीरज गुर्जर का जूता उससे बात करेगा।”
2023 के चुनाव में 580 वोटों से मिली थी शिकस्त
धीरज गुर्जर, जो कि कांग्रेस पार्टी के सक्रिय सदस्य हैं, चुनावी राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं। हालांकि, उन्होंने 2023 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 580 वोटों से हार का सामना किया। इससे पहले उन्होंने 2008 से 2023 तक कांग्रेस के टिकट पर जहाजपुर विधानसभा क्षेत्र से चार बार चुनाव लड़ा था, लेकिन 2013 में ही वे एक बार जीतने में सफल हो पाए थे। चुनावी हार के बाद भी उनकी राजनीतिक सक्रियता और बयान अक्सर चर्चा का विषय बने रहते हैं।