देहरादून : उत्तराखंड के एक कांग्रेस विधायक ने प्रशासन पर सनसनीखेज आरोप लगाते हुए आत्मदाह करने की धमकी दी है. उन्होंने कहा है कि अगर उन्हें इंसाफ नहीं मिला तो वो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे और विधानसभा के सामने आत्मदाह कर लेंगे.
शिकायत उत्तराखंड के जसपुर से कांग्रेस विधायक आदेश चौहान ने की है. चौहान ने मंगलवार को विधानसभा में इस विषय को उठाते हुए कहा, ‘जुलाई में सूदखोरों के संबंध में शिकायत करने के लिए मैं किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ एसडीएम कार्यालय गया था. वहां से मुझे कार्रवाई का आश्वासन दिया गया.’
चौहान ने आगे कहा, ‘शिकायत करने के बाद आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई. उलटा दोपहर दो बजे पुलिस ने मेरा गनर वापस ले लिया. इसके बाद अगले दिन तीन व्यक्ति मेरे घर पर आए और मुझसे अभद्रता की. इन तीनों व्यक्तियों के खिलाफ मैंने थाने में तहरीर दी.’
कांग्रेस विधायक ने ऊधमसिंह नगर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पर व्यक्तिगत रंजिश रखने और विधायक का विशेषाधिकार हनन करने का आरोप लगाया. विधायक ने कहा कि उन्होंने थाने में धरना दिया. वहां से आश्वासन मिला, लेकिन रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई. थक-हारकर विधायक आदेश चौहान ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की. तब कहीं जाकर उनकी रिपोर्ट दर्ज की गई. लेकिन इसके साथ ही चौहान के खिलाफ भी क्रॉस एफआइआर की गई. अब केस से जुड़े जांच अधिकारी को भी बदल दिया गया है.
विधायक की शिकायत पर सदन की पीठ ने विषय को गंभीर मानते हुए सरकार को जांच के निर्देश दिए. आदेश चौहान का कहना है की उन्हें लगातार परेशान किया जा रहा है. बता दें कि आदेश चौहान 2017 में भाजपा से कांग्रेस में गए थे. आदेश सिंह चौहान को जनता ने एक तरफा वोट देकर विजयी बनाया था. वहीं, कांग्रेस से भाजपा में आए डॉक्टर शैलेंद्र मोहन सिंघल को करारी शिकस्त का सामना करना पड़ा था.
जसपुर के विधायक आदेश चौहान साल 2017 के चुनावों से पहले तक बीजीपी में थे. उसके बाद जैसे ही जसपुर के पूर्व विधायक डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंघल कांग्रेस का दमन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए, वैसे ही बीजेपी के आदेश चौहान ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और कांग्रेस पार्टी ने आदेश चौहान को 2017 में विधानसभा जसपुर से अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. चौहानों का ज्यादा दबदबा होने के चलते आदेश चौहान ने 3 बार के विधायक रहे कांग्रेस पार्टी से आये बीजेपी के जसपुर प्रत्याशी डॉ. शैलेन्द्र मोहन सिंघल को हरा दिया.