पहले चरण का मतदान जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव दिलचस्प होता जा रहा है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह ने मंगलवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी (BJP) में शामिल हो गए. ये कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है. क्योंकि इस्तीफे से एक दिन पहले ही, कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए उन्हें अपने स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल किया था. लेकिन अब आरपीएन सिंह के इस्तीफा देने के बाद ही उत्तर प्रदेश कांग्रेस में भगदड़ मच गई है.
पडरौना विधानसभा से कांग्रेस ने मनीष जायसवाल को प्रत्याशी घोषित किया था, जिन्होंने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को अपना इस्तीफा भेजा है. उनके साथ ही कुशीनर के जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह ने भी इस्तीफा दे दिया है. आरपीएन सिंह को पडरौना में राजा साहब भी कहा जाता है.
आरपीएन सिंह ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे त्यागपत्र की प्रति ट्विटर पर शेयर करते हुए कहा, ‘‘आज, जब पूरा राष्ट्र गणतन्त्र दिवस का उत्सव मना रहा है, मैं अपने राजनीतिक जीवन में नया अध्याय आरंभ कर रहा हूं. जय हिंद.’’उन्होंने इस्तीफे में पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देते हुए कहा है, ‘‘मैं राष्ट्र, लोगों और पार्टी की सेवा करने का अवसर प्रदान करने के लिए आपका (सोनिया का) धन्यवाद करता हूं.’’
रह चुके हैं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री
पूर्व केंद्रीय मंत्री आरपीएन सिंह अब तक कांग्रेस में राष्ट्रीय प्रवक्ता और झारखंड के प्रभारी की जिम्मेदारी निभा रहे थे. आरपीएन सिंह केंद्र में मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली संप्रग सरकार में गृह राज्य मंत्री रहे. वह 2009-2014 तक उत्तर प्रदेश की कुशीनगर लोकसभा सीट से सांसद रहे. इससे पहले वह कई सालों तक पडरौना विधानसभा क्षेत्र से विधायक भी रहे.
साल 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. आरपीएन सिंह का नाम अब कांग्रेस छोड़ने वाले उन प्रमुख युवा नेताओं की फेहरिस्त में जुड़ गया है जो कभी राहुल गांधी के करीबियों में शुमार किए जाते थे. इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया और जितिन प्रसाद भाजपा में शामिल हो गए तो सुष्मिता देव और अशोक तंवर जैसे कुछ नेताओं ने तृणमूल कांग्रेस का दामन थाम लिया.
खबर इनपुट एजेंसी से