नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्यसभा जाने के लिए राजस्थान को चुना है. बुधवार को उन्होंने राहुल और प्रियंका के साथ जयपुर पहुंच नामांकन दाखिल किया. करीब ढाई दशक पहले, हिचकिचाहट के साथ सियासत में कदम रखने वाली सोनिया पहली बार लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगी. सोनिया से पहले नेहरू-गांधी परिवार का एक और सदस्य राज्यसभा में रहा है- पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी. जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद इंदिरा को राज्यसभा भेजा गया था. रायबरेली से लोकसभा चुनाव जीतने से पहले, 1964 से 1967 तक इंदिरा राज्यसभा सदस्य रहीं. 2024 लोकसभा चुनाव गांधी परिवार के लिए एक तरह से कांग्रेस पर कंट्रोल बरकरार रखने की लड़ाई है. कांग्रेस अपनी स्थापना के बाद सबसे बुरे दौर से गुजर रही है. मुश्किल वक्त में नेहरू-गांधी परिवार ने बार-बार दक्षिण का रुख किया है, मगर इस बार नहीं. आखिर क्या वजह है?
गांधी परिवार का दक्षिण कनेक्शन
संकट की घड़ी में गांधी परिवार को दक्षिण ही सूझता रहा है. आपातकाल के बाद, 1978 में इंदिरा ने कर्नाटक का रुख किया. चिक्कमगलुरु उपचुनाव में जनता पार्टी के वीरेंद्र पाटिल को मात देकर लोकसभा पहुंचीं. 1980 में इंदिरा ने रायबरेली और आंध्र प्रदेश की मेदक सीट (अब तेलंगाना में) से चुनाव लड़ा. दोनों पर जीत मिली मगर इंदिरा ने मेदक को चुना.
राजीव के निधन के बाद कांग्रेस की हालत बिगड़ती चली गई. अगले 6-7 सालों के दौरान, पार्टी ने अपनी काफी ताकत खो दी थी. मुश्किल की घड़ी में सोनिया ने राजनीति के मैदान में उतरने का फैसला किया. 1999 में सियासी पारी शुरू करने के लिए सोनिया ने भी कर्नाटक को चुना. यहां की वेल्लोर सीट के अलावा उन्होंने राजीव की सीट, अमेठी से भी पर्चा भरा.
इंदिरा की तरह सोनिया ने भी दोनों जगह जीत दर्ज की. आखिर में उन्होंने अमेठी का सांसद बनना पसंद किया. मगर 2004 में उन्होंने बेटे राहुल के लिए अमेठी सीट छोड़ दी और रायबरेली से चुनाव लड़ा. सोनिया 2004 से लगातार रायबरेली की सांसद हैं.
अब राजस्थान से राज्यसभा क्यों जा रहीं सोनिया?
सोनिया ने राज्यसभा जाने के लिए राजस्थान को यूं ही नहीं चुना. चर्चा है कि वह रायबरेली सीट अपनी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए छोड़ रही हैं. ठीक उसी तरह जैसे बेटे के लिए अमेठी सीट छोड़ी थी. राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों पर चुनाव होना है. कांग्रेस वहां एक सीट जीतने की स्थिति में है. कर्नाटक और तेलंगाना के कांग्रेसियों ने भी खूब जोर आजमाया कि सोनिया उनके यहां से राज्यसभा जाएं. हालांकि, कांग्रेस ने खूब सोच-विचार के बाद सोनिया को दक्षिण से RS न भेजने का फैसला किया.
कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे कर्नाटक से आते हैं. राहुल गांधी फिलहाल केरल के वायनाड से लोकसभा सांसद हैं. द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, सोनिया का राजस्थान से चुनाव लड़ने से यह संकेत जाएगा कि गांधी परिवार ने हिंदी पट्टी को त्यागा नहीं है. 2019 में जब राहुल ने अमेठी के साथ-साथ वायनाड से चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, तब पार्टी के भीतर और बाहर उनकी आलोचना हुई थी.
राहुल ने अमेठी सीट केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के हाथों गंवा दी. 2019 में कांग्रेस का उत्तर भारत में बुरा हाल हुआ. दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में पार्टी एक लोकसभा सीट तक नहीं जीत पाई थी. मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट मिली थी. छत्तीसगढ़ में दो सीटें आईं.