नई दिल्ली: विपक्षी दलों का इंडिया गठबंधन, चुनाव से पहले कई चुनौतियों से जूझ रहा है. इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस से हर दल कन्नी काट रहा है. दूसरे राज्यों की तरह महाराष्ट्र में भी शिवसेना नेता संजय राउत ने इशारा किया है कि कांग्रेस को शून्य से शुरुआत करनी होगी. महाराष्ट्र में भी सीट बंटवारे को लेकर सहमति बन पाना बेहद टेढ़ी खीर है.
शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस को सीटों के लिए बातचीत शून्य से शुरू करनी होगी. संजय राउत का तर्क है कि साल 2019 में राज्य में कोई भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाई है. जिन सीटों पर शिवसेना को जीत मिली है, उन सीटों पर तो शेयरिंग की चर्चा बाद में होगी.
साल 2019 का चुनाव शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने साथ मिलकर लड़ा था. शिवसेना को 18 सीटों पर जीत मिल गई थी. दोनों राजनीतिक पार्टियां विधानसभा चुनावों के बाद वर्षों का गठबंधन तोड़कर अलग हो गई थीं.
शिवसेना ही कांग्रेस की बढ़ाएगी मुश्किल
बीते साल, एकनाथ शिंदे शिवसेना को तोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे. अब पुरानी शिवसेना के ज्यादातर सासंद और विधायक बीजेपी में शामिल हो गए हैं. उद्धव ठाकरे का गुट अकेला पड़ गया है, वहीं शिंदे के नेतृत्व वाला शिवसेना के साथ है. शिवसेना अभी महाराष्ट्र विकास अघाड़ी गुट के साथ गठबंधन में है. इस गुट में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बीच गठबंधन है.
कांग्रेस शून्य से करे शुरुआत
एकनाथ शिंदे अब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री हैं, बीजेपी नेता देवेन्द्र फड़णवीस उनके डिप्टी हैं. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा, ‘यह महाराष्ट्र है और शिवसेना यहां सबसे बड़ी पार्टी है. कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है. उद्धव ठाकरे राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे समेत कांग्रेस के निर्णय लेने वाले नेताओं के साथ सकारात्मक चर्चा कर रहे हैं. हमने हमेशा कहा है कि लोकसभा चुनाव में शिवसेना हमेशा 23 सीटों पर लड़ती रही है और हमारी बैठक के दौरान, हमने फैसला किया कि जिन सीटों पर हमने जीत हासिल की है, उन पर बाद में चर्चा की जाएगी.’
अकेले चुनाव लड़ना ही कांग्रेस की नियति
कांग्रेस ने महाराष्ट्र में एक भी सीट नहीं जीती इसलिए उन्हें शून्य से शुरुआत करनी होगी लेकिन एमवीए में कांग्रेस हमारे लिए एक महत्वपूर्ण सहयोगी है. कई इंडिया गठबंधन के नेताओं ने संकेत दिया है कि वे अपने-अपने राज्यों में अकेले लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
टीएमसी भी चल रही अलग दांव
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गुरुवार को कहा कि टीएमसी ही एकमात्र पार्टी है जो बीजेपी को सबक सिखा सकती है. उनका कहना है, ‘इंडिया गठबंधन पूरे देश में होगा. बंगाल में टीएमसी बीजेपी से लड़ेगी और उसे हराएगी. याद रखें, बंगाल में केवल टीएमसी ही बीजेपी को सबक सिखा सकती है, कोई अन्य पार्टी नहीं.’
पंजाब में अकेले चुनाव लड़ेगी AAP, कांग्रेस को जीरो सीट
आम आदमी पार्टी (AAP) नेता पहले ही दिल्ली और पंजाब में अकेले चुनाव लड़ने का संकेत दे चुके हैं. सोमवार को कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि सीटों के बंटवारे पर जमीनी हकीकत को ध्यान में रखते हुए चर्चा होगी.
क्या सोच रही है कांग्रेस
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा, ‘सीट-बंटवारे की बातचीत जारी है और जारी रहेगी. हम वही करेंगे जिसे करने की जरूरत है. अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग स्थितियां और चुनौतियां हैं. हम वहां की अलग-अलग राजनीतिक वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे.’ इंडिया गठबंधन की चौथी बैठक में तृणमूल कांग्रेस की चौथी बैठक में ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन के चुनाव जीतने पर प्रधानमंत्री पद के लिए कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के नाम का प्रस्ताव दिया था.