हिन्दूओं के पवित्र ग्रंथ श्रीरामचरितमानस पर विवादित बयान देने वाले बिहार के शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर ने साफ शब्दों में कहा है कि वह माफी नहीं मांगेंगे. शिक्षा मंत्री चन्द्रशेखर ने कहा कि उन्होंने रामचरितमानस पर कोई सवाल नहीं खड़ा किया है, बल्कि उन्होंने उत्तर कांड और सुंदरकांड के कुछ दोहों सिर्फ व्याख्या की है. मंत्री ने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं जो लोग मेरी जीभ काटना चाहते हैं काटे, कोई तो अमीर हो जाएगा. आरजेडी नेता और नीतीश सरकार में मंत्री चन्दशेखर ने कहा है कि रामचरितमानस में 5-6 ऐसे दोहे हैं जिसका विरोध किया जाना चाहिए. मुझे उन दोहों को लेकर आपत्ति है इसलिए उसको लेकर बयान दिया था.
चंद्रशेखर ने कहा है कि वे अपने बयान पर कायम हैं क्योंकि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा है. माफी तो उन्हें मांगनी चाहिए जिन्होंने अन्याय किया है. वहीं विवादित बयान देने के बाद जीभ काटने वाले को 10 करोड़ का इनाम देने की घोषणा पर शिक्षा मंत्री ने कहा- फतवा जारी करने वाले लोगों ने मनुस्मृति में पहले ही लिख दिया है कि जो शुद्र वेद पढ़ ले उसकी जीभ काट लो.
बयान के खिलाफ भारी नाराजगी
दरअसल बिहार के शिक्षा मंत्री के श्रीरामचरितमानस पर दिए विवादित बयान के बाद इसके खिलाफ लोगों में भारी नाराजगी है. साथ ही मंत्री के बयान के बाद देश की सियासत गरमा गई है. बीजेपी के साथ साथ तमाम हिंदू संगठनों ने मांग की है कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर अपने विवादित बयान के लिए देश की जनता से माफी मांगे. इसके बाद शिक्षा मंत्री ने दो टूक जवाब दिया है और कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं और इसके लिए कोई उनके जीभ काट ले या उन्हें गोली मरवा दे वह माफी नहीं मागेंगे.
दीक्षांत समारोह में विवादित बयान
दरअसल बिहार के शिक्षामंत्री ने नालदा खुला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में छात्रों को संबोधित करते हुए रामचरितमानस को नफरत फैलाने वाला किताब बताया. उन्होंने कहा- रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. यह समाज में पिछड़ों, महिलाओं और दलितों को शिक्षा हासिल करने से रोकता है और उन्हें बराबरी का हक देने से रोकता है. चंद्रशेखर ने कहा- मनुस्मृति के बाद रामचरितमानस नफरत फैलाने वाला किताब है