नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के एक बयान पर बवाल मच गया है. बीजेपी की बैठक में उन्होंने खुलेआम अपील की कि पार्टी को ‘सबका साथ, सबका विकास’ नहीं कहना चाहिए और इसकी जरूरत नहीं है. बल्कि हमें कहना चाहिए जो हमारे साथ, हम उनके साथ.” उन्होंने अपील की, “सबका साथ, सबका विकास बंद करो.”
सुवेंदु अधिकारी के इस बयान की राजनीतिक हलकों में खूब आलोचना हो रही है. इस बीच उन्होंने एक स्पष्टीकरण भी जारी किया और कहा, “मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि सबका साथ सबका विकास” प्रधानमंत्री मोदी का नारा है और मेरे कहने से यह नहीं बदलेगा… यह एनडीए सरकार का एजेंडा है, यह बीजेपी का भी एजेंडा है. मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैंने ऐसा क्यों कहा.”
सुवेंदु अधिकारी ने क्या कहा था?
सुवेंदु अधिकारी ने बीजेपी की मीटिंग में कहा था, “हम जीतेंगे, हम हिंदुओं को बचाएंगे और संविधान को बचाएंगे. मैंने राष्ट्रवादी मुसलमानों के बारे में बात की है, आप सभी ने कहा है “सबका साथ, सबका विकास” लेकिन हम अब ऐसा नहीं कहेंगे! हम अब कहेंगे, “जो हमारे साथ, हम उनके साथ…सबका साथ सबका विकास बंद करें.” उन्होंने साथ ही अपील की, “अल्पसंख्यक मोर्चा की कोई जरूरत नहीं.”
सुवेंदु अधिकारी ने क्या स्पष्टीकरण दिया?
सुवेंदु अधिकारी ने कहा, “मेरा मतलब था कि बंगाल में बीजेपी को उन लोगों के साथ गठबंधन करना चाहिए जो राजनीतिक रूप से उनका समर्थन करते हैं, इसका प्रशासन या विकास से कोई लेना-देना नहीं है. कृपया समझें, सरकार और राजनीति दो अलग-अलग चीजें हैं. एक राजनीतिक पदाधिकारी के रूप में मैंने बीजेपी की एक बैठक में कहा है कि बंगाल में बीजेपी को उन लोगों के साथ गठबंधन करना चाहिए जो पार्टी का समर्थन करते हैं.”
बीजेपी नेता अधिकारी ने कहा, “हमें उन लोगों से सुरक्षित दूरी बनाए रखनी चाहिए जो हमारे साथ नहीं आते हैं. उनसे लड़ने का कोई फायदा नहीं है. स्वामी विवेकानंद ने खुद कहा था – कि व्यक्ति को अपने धर्म में आस्था रखनी चाहिए और दूसरों के धर्म का सम्मान करना चाहिए. दूसरों के धर्म का अनादर करने की कोई जरूरत नहीं है.”
सुवेंदु अधिकारी के बयान पर TMC ने क्या कहा?
टीएमसी नेता कुणाल घोष ने सुवेंदु अधिकारी पर निशाना साधते हुए कहा, “ये लोग हमारे देश की पहचान को नष्ट कर रहे हैं. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. पीएम मोदी को भी सुवेंदु का यह सर्कस देखना पड़ा. यह महज राजनीतिक नुकसान की हताशा के कारण है. ये लोग सिर्फ नफरत फैलाते हैं और संविधान में विश्वास नहीं करते.”
कुणाल घोष ने कहा, “मैंने सुना है कि बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें अच्छी तरह से सुना है कि उन्हें बयान देना पड़ा, जो कहा गया, वह कह दिया गया, इरादे सामने आ गए हैं.”