जांच कमेटी जून 2022 व सितंबर 2022 में सौंप चुकी रिपोर्ट -मोर्चा सरकार के सम्मुख फिर रखेगा मामला
विकासनगर। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि सहकारी बैंक भर्ती घोटाले की जांच रिपोर्ट एक साल से शासन में धूल खा रही है, लेकिन अब तक रिपोर्ट सार्वजनिक न होना पटल पर न रखे जाना, दुर्भाग्यपूर्ण है। उक्त मामले में मा. न्यायालय से भी गुहार लगाई गई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल पाया।
नेगी ने कहा कि जांच समिति ने 20 जून 2022 को जिला सहकारी बैंक, देहरादून की रिपोर्ट, 2 सितंबर 2022 को पिथौरागढ़ सहकारी बैंक एवं 26 सितंबर 2022 को उधम सिंह नगर की जांच रिपोर्ट शासन को प्रेषित कर दी थी।
नेगी ने कहा कि सहकारिता विभाग द्वारा प्रदेश के सहकारी बैंकों में 423 चतुर्थ श्रेणी (सहयोगी गार्ड) कर्मचारियों की भर्ती कराई गई थी, जिसमें देहरादून, पिथौरागढ़, अल्मोड़ा व उधम सिंह नगर जनपद में बड़े पैमाने पर जालसाजों ने भर्ती घोटाले को अंजाम दिया था, जिसको लेकर सरकार ने 01अप्रैल 2022 को जांच कमेटी गठित कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए थे। नेगी ने कहा कि उक्त भर्तियों में एक पद 10 लाख से लेकर 15 लाख रुपए तक बेचा गया था, जिसकी पुष्टि जालसाजों व नौकरी पाए अभ्यर्थियों के बैंक खातों में हुए लेनदेन की डिटेल से पुष्टि की जा सकती है।
इन घोटाले बाजों ने अपने रिश्तेदारों के साथ-साथ बैंक में कार्यरत अधिकारियों कर्मचारियों के रिश्तेदारों परिजनों से मोटी रकम हासिल कर नौकरियां बांट दी थी। मोर्चा उक्त मामले की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने सरकार से पुनः आग्रह करेगा। पत्रकार वार्ता में-मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, अमित जैन, भीम सिंह बिष्ट व अशोक गर्ग मौजूद थे।