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गरीबों पर कोरोना ने बरपाया कहर, नई लहर से बद से बदतर हो गई है स्थिति

Jitendra Kumar by Jitendra Kumar
06/05/21
in मुख्य खबर, राष्ट्रीय
गरीबों पर कोरोना ने बरपाया कहर, नई लहर से बद से बदतर हो गई है स्थिति

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नई दिल्ली l कोरोना महामारी ने पिछले साल देश में 23 करोड़ लोगों को गरीबी में धकेल दिया। युवा और महिलाओं पर इसकी मार सबसे ज्यादा पड़ी और दूसरी लहर ने संकट को और अधिक बढ़ा दिया है। कोरोना महामारी के असर को लेकर एक एक नई स्टडी रिपोर्ट में यह बातें कही गईं हैं।

बेंगलुरु स्थित अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी की ओर से बुधवार को प्रकाशित हुई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले साल मार्च से भारत में महीनों चले सख्त लॉकडाउन ने करीब 10 करोड़ लोगों से रोजगार छीन लिया और इनमें से 15 फीसदी को साल खत्म होने तक काम नहीं मिला। महिलाओं पर इसका और भी बुरा असर पड़ा। 47 फीसदी महिला कामगार प्रतिबंधों के खत्म होने पर भी रोजगार हासिल नहीं कर पाईं।

रिपोर्ट में उन लोगों को गरीब माना गया है जिनकी दैनिक आमदनी 375 रुपए (5 डॉलर) से कम है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सबकी आमदनी घटी है, लेकिन महामारी ने गरीबों पर और अधिक कहर बरपाया है। एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कोविड-19 से पहले ही सुस्त हो गई थी, लेकिन महामारी ने इसे और अधिक मंद कर दिया। एक अनुमान था कि पिछले साल 5 करोड़ लोग गरीबी रेखा से ऊपर उठ जाते, लेकिन इसकी बजाय 20 फीसदी परिवारों की आमदनी अप्रैल, मई में पूरी तरह खत्म हो गई।

रिपोर्ट के एक लेखक अमित बासोले ने कहा, ”यह कहने की आवश्यकता नहीं है कि दूसरी लहर स्थिति को और बदतर बनाने जा रही है।” रिपोर्ट के मुताबिक, कई लोगों ने आमदनी में कमी की वजह से खाने पर कम खर्च किया और कर्च लिया। स्टडी में शामिल 20 फीसदी लोगों ने बताया कि छह महीने बाद ही उनके खाने-पीने में सुधार नहीं हुआ है।


खबर इनपुट एजेंसी से

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