लखनऊ l उत्तर प्रदेश सरकार की राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में भ्रष्ट अफसरों और दलालों ने घपला कर सरकारी धन हड़पा है. भ्रष्टाचारियों ने प्रति लाभार्थी मिलने वाले 30 हजार रुपये के लिए 21 महिलाओं को उनके पतियों के जीवित रहते ही विधवा बना दिया गया. इस योजना के तहत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के कमाऊ मुखिया की 60 साल से पहले असामयिक मौत होने पर पत्नी को 30000 रुपए की सरकारी सहायता मिलती है.
भ्रष्ट अफसरों और दलालों ने गरीब विधवा महिलाओं को मिलने वाली इसी 30000 रुपये को हजम कर लिया. चित्रकूट, बलरामपुर, गोरखपुर, कानपुर में इस योजना में घोटाले की शिकायतें पहले ही की जा चुकी हैं. ताजा मामला लखनऊ के 2 इलाकों का है, जहां 21 ऐसी फर्जी लाभार्थी मिली हैं, जिनके पति जीवित हैं और उन्हें इस योजना का लाभ दिलाया गया. उनके खाते में 30 हजार रुपए की सरकारी सहायता जमा कराई गई.
जानकारी के अनुसार लखनऊ के सरोजनी नगर तहसील के बंथरा और चंद्रावल गांव में साल 2019-20 और 20-21 में कुल 88 महिलाओं को इस योजना का लाभ दिया गया था. शुरुआती जांच में सामने आया है कि लाभ पाने वाली इन महिलाओं में 21 ऐसी हैं जिनके पति जीवित हैं और उन्हें को फर्जी ढंग से भुगतान किया गया. इस फर्जी भुगतान में भ्रष्ट अफसरों और दलालों का कमीशन तय था. लाभार्थी महिला को 30000 में 10 से 15 हजार रुपए ही मिले बाकी रकम भ्रष्टाचारियों में बंटी.
इस योजना में घोटाले का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले गोरखपुर, बलरामपुर, चित्रकूट, कानपुर समेत कई जिलों में ऐसी गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं, जहां स्थानीय जिला प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए विभागीय कर्मचारियों को सस्पेंड भी किया. फिलहाल लखनऊ से जुड़े मामले में प्रमुख सचिव समाज कल्याण के. रविंद्र नायक का कहना है कि इस फर्जीवाड़े की जांच कराई जाएगी और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई होगी.
खबर इनपुट एजेंसी से