रुद्रप्रयाग। केदारनाथ धाम में दीपावली के साथ ही भैयादूज पर रविवार को कपाट बंद करने को लेकर मंदिर समिति ने तैयारियां शुरू कर दी है। मंदिर को 10 कुंटल से अधिक फूलों से सजाया गया है। 3 नवंबर को प्रात: 8 बजकर 30 मिनट पर शीतकाल हेतु केदारबाबा के कपाट बंद हो रहे है।
केदारनाथ धाम के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। धाम को सजाया जा रहा है। दीपावली के अवसर पर धाम में मंदिर को सजाया जा रहा है। श्री केदारनाथ धाम में श्री भकुंट भैरवनाथ के कपाट शीतकाल हेतु बंद होने के साथ ही इस शीतकाल के लिए कपाट बंद की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
केदारनाथ मंदिर को 10 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया जा रहा
श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि श्री केदारनाथ मंदिर को दीपावली तथा कपाट बंद होने के अवसर हेतु मंदिर समिति एवं दानीदाताओं द्वारा 10 क्विंटल से अधिक फूलों से सजाया जा रहा है। बताया कि केदारनाथ धाम में दीपावली का पर्व भी धूम धाम से मनाया जाएगा। इसके लिए भी तैयारियां चल रही है।
बताया कि 17 नवंबर को श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद हो रहे है 4 नवंबर को तृतीय केदार तुंगनाथ जी एवं 20 नवंबर को द्वितीय केदार मद्महेश्वर जी के कपाट शीतकाल हेतु बंद हो रहे है।
गंगोत्री मंदिर समिति तथा यमुनोत्री मंदिर समिति से प्राप्त जानकारी में कहा गया कि श्री गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट 2 नवंबर को बंद होने है जबकि जबकि यमुनोत्री धाम के कपाट भी 3 नवंबर को भैया दूज के दिन बंद हो रहे है। इस तरह इस यात्रा वर्ष चारधाम यात्रा समापन की तरफ है।
गंगोत्री-यमुनोत्री के कपाट बंद होने की तैयारी शुरू
उत्तरकाशी : विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम और यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने की तैयारियां शुरू हो गई हैं। गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट के पर्व पर 2 नवंबर को दोपहर 12.14 बजे बंद होंगे। कपाट बंद होने के बाद देश-विदेश के श्रद्धालु मां गंगा के दर्शन उनके शीतकालीन प्रवास मुखीमठ (मुखवा) में कर सकेंगे।
दोपहर 12.05 बजे बंद होंगे। यमुना की डोली लेने के लिए खरशाली गांव से शनि महाराज की डोली 3 नवंबर की सुबह यमुनोत्री पहुंचेगी। कपाट बंद होने की तिथि के निकट आते ही धामों में व्यापारी व अन्य व्यवसायी लौटने की तैयारी करने लगे हैं। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल ने बताया कि गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट यमुनोत्री धाम के कपाट भैया दूज पर 3 नवंबर कोके अवसर पर बंद होते हैं।
इस बार 2 नवंबर को सुबह 10.15 बजे मां गंगा के मुकुट को उतारा जाएगा और इसके बाद निर्वाण दर्शन होंगे। वेद मंत्रों के साथ मां की मूर्ति का महाभिषेक होता है। उसके बाद विधिवत हवन पूजा-अर्चना के साथ कपाट बंद कर दिए जाएंगे। दोपहर 12.14 बजे अमृत बेला पर कपाट बंद किए जाएंगे, जिसके बाद डोली मुखवा के लिए प्रस्थान करेगी। डोली रात्रि निवास चंडेश्वरी देवी मंदिर (मार्कंडेय मंदिर) में निवास करेंगे।