नई दिल्ली : दिल्ली की अदालत ने मंगलवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों द्वारा दायर एक आपराधिक मामले में यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए। बृज भूषण ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) प्रियंका राजपूत के समक्ष खुद को निर्दोष बताया और सुनवाई की मांग की।
बृजभूषण सिंह ने खुद को बताया निर्दोष
बृज भूषण ने कहा, ‘‘इसका कोई सवाल ही नहीं, गलती किए ही नहीं।’’ अदालत ने मामले में सह आरोपी और डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी आपराधिक धमकी का आरोप तय किया। इस मामले में विनोद तोमर ने भी आरोपों से इनकार करते हुए खुद को बेकसूर बताया है। उन्होंने कोर्ट में कहा कि न ही उन्होंने कभी किसी पहलवान को धमकाया न ही घर बुलाया।
एक पहलवान के आरोपों में किया गया था बरी
राउज एवेन्यू कोर्ट ने कहा है कि बृजभूषण को छठे पहलवान द्वारा लगाए गए आरोपों से बरी कर दिया गया था। जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण के खिलाफ 15 जून को धारा 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर (हमला या आपराधिक बल), 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 डी (पीछा करना) और आईपीसी की धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दायर किए थे।
बृजभूषण सिंह जमानत पर हैं
दिल्ली पुलिस ने पिछले साल 10 जून को सांसद बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज किया था। जुलाई में स्थानीय अदालत से बृजभूषण को जमानत मिल गई थी, फिलहाल वे जमानत पर ही हैं। उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से भारतीय जनता पार्टी के मौजूदा सांसद बृज भूषण को उनके खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट नहीं दिया गया था। पार्टी ने इस सीट से उनके बेटे करण भूषण सिंह को मैदान में उतारा है।