रायपुर: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में एक व्यक्ति ने तलाक के लिए याचिका दाखिल की। याचिका में उसने कहा कि उसकी पत्नी के गैर मर्द से संबंध है, इसलिए वह तलाक चाहता है। उसकी याचिका पर सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की डबल बेंच ने कहा कि पत्नी का गैर मर्द से संबंध मानसिक क्रूरता है। कोर्ट ने आगे कहा कि विवाह में मानवीय भावनाएं शामिल होती हैं। यदि भावनाएं खत्म हो जाए तो जीवन में उसके वापस आने की संभावनाएं न के बराबर होती है। इन टिप्पणियों के साथ कोर्ट ने तलाक की याचिका स्वीकार कर ली।
दरअसल, छत्तीसगढ़ के रायपुर निवासी अपीलकर्ता की शादी 2003 में हुई थी। उसके बाद दंपति को तीन बच्चे हुए। एक दिन पति किसी काम से बाहर गया हुआ था। वापस घर लौटा तो पत्नी को किसी गैर पुरुष के साथ आपत्तिजनक हालत में देखा। उसने लोगों की मददसे उस आदमी को पुलिस के हवाले कर दिया। इसके बाद उसकी पत्नी अपने बच्चों को लेकर मायके चली गई। जब पति उसे वापस लेने गया तो उनसे साथ आने ने इनकार कर दिया। उसके बाद पति ने फैमिली कोर्ट में तलाक के लिए आवेदन दिया। फैमिली कोर्ट ने उसका आवेदन खारिज कर दिया। उसके बाद उसने हाई कोर्ट में तलाक की याचिका दायर की।
छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के जज गौतम भादुड़ी और जज राधाकिशन अग्रवाल की बेंच में याचिका पर सुनवाई हुई। बेंच ने सुनवाई के दौरान कहा कि पत्नी द्वारा गैर मर्द से संबंध बनाना क्रूरता के समान है। विवाह में मानवीय भावनाएं शामिल होती हैं। अगर भावनाएं खत्म हो जाएं तो इसके वापस लौटने की संभावना नहीं रहती।
महिला ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि उसका किसी गैर मर्द से संबंध है। दोनों कॉलेज के दिनों से एक-दूसरे को जानते हैं। वे विवाह करना चाहते थे, लेकिन जाति अलग होने के कारण ऐसा नहीं कर सके। कोर्ट ने कहा कि पति और पत्नी 2017 से अलग-अलग रह रहे हैं। ऐसे में इनके बीच दोबारा संबंध होने की संभावनाएं न के बराबर है।