वाराणसी : ज्ञानवापी-काशी विश्वनाथ मंदिर मामले में आज वाराणसी जिला न्यायालय ने फैसला सुनाया है। ये फैसला कार्बन डेटिंग के लिए सील किए गए हिस्से को छोड़कर बाकी का सर्वे कराने को लेकर दिया गया है। वाराणसी कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा- विवादित हिस्से को छोड़कर बाकी पूरे कैंपस का सर्वे होगा। यह फैसला सुनाते हुए वाराणसी कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की याचिका को खारिज कर दिया। मुस्लिम पक्ष ने सर्वे पर रोक लगाने की याचिका दाखिल की थी।
अदालत ने इस मामले पर अपना फैसला सुनाते हुए तीन शर्तें रखी हैं। कोर्ट ने कहा कि, एएसआई द्वारा वैज्ञानिक सर्वेक्षण सुबह 8-12 बजे के बीच होगा। नमाज पर कोई रोक नहीं होगी। ज्ञानवापी मस्जिद को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा।
मामले की अगली सुनवाई को 4 अगस्त को तय की गई है। कोर्ट ने एएसआई को 4 अगस्त तक सर्वे कर रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए गए हैं। बता दें कि, हिंदू पक्ष की ओर से विवादित हिस्से को छोड़कर पूरे परिसर की वैज्ञानिक सर्वे की मांग की गई थी। इस पर तीन दिनों की सुनवाई के बाद 14 जुलाई को फैसला सुरक्षित रखा गया था। आज कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है।
ज्ञानवापी मस्जिद मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि, कोर्ट ने एएसआई सर्वे का आदेश दे दिया है। हमारा कहना था कि उस पूरे क्षेत्र का एएसआई द्वारा सर्वेक्षण करना चाहिए। आज कोर्ट ने हमारे उस आवेदन पर सहमति दे दी है और अब एएसआई ही इस मामले की दिशा और दशा को निर्धारित करेगा।
उन्होंने कहा कि, शिवलिंग का सर्वेक्षण नहीं होगा। उसका मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है जिसकी अगली सुनवाई 29 अगस्त को है। मगर शिवलिंग को छोड़कर पूरे परिसर का सर्वेक्षण होगा। वहीं ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि, कोर्ट ने एएसआई सर्वेक्षण के लिए हमारे प्रार्थना पत्र को स्वीकार कर लिया गया है। यह मामले में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।