नई दिल्ली: देश-दुनिया में कहर मचाने वाला कोरोना वायरस एक बार फिर अपना पैर पसारने लगा है. दुनिया के कई देशों में कोविड-19 के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है, भारत में भी कोरोना मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ने लगी है. अब तक देश में कोरोना वायरस के 2700 से ज्यादा केस सामने आ चुके हैं, वहीं दिल्ली-एनसीआर एक मरीज की मौत ने मामले को और भी गंभीर बना दिया है. दिल्ली-एनसीआर, महाराष्ट्र और केरल में कोरोना के मामलों में तेजी दर्ज की गई है. एक तरह जहां केरल में 1147 केस रिपोर्ट किए गए, वहीं महाराष्ट्र में 424 केस दर्ज किए गए. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी लोगों से सतर्क रहने की अपील की है.
कहां-कहां जारी हुई एडवाइजरी?
कोरोना वायरस को लेकर दिल्ली सरकार और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पहले ही अस्पतालों के लिए एडवाइजरी जारी कर दी थी. इस बीच केस बढ़ता देख केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र, मिजोरम, हरियाणा समेत कई राज्य सरकारों ने भी कोविड को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है. शनिवार को स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा अपडेट के अनुसार 511 नए मामले दर्ज किए गए. इस बीच, पिछले 24 घंटों में 255 मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिली है. आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी 2025 से अब तक विभिन्न राज्यों में मौतों की संख्या बढ़कर 22 हो गई है.
किन राज्यों में ज्यादा मामले?
1,147 मामलों के साथ केरल सबसे अधिक प्रभावित राज्य है, इसके बाद महाराष्ट्र (424), दिल्ली (294) और गुजरात (223) का स्थान है. सबसे अधिक मौतें महाराष्ट्र (7) में हुई हैं, उसके बाद केरल (5) और दिल्ली (2) का स्थान है. 1 जनवरी से अब तक ठीक हुए मामलों की कुल संख्या 1,170 है. केरल (72), दिल्ली (77) और महाराष्ट्र (34) में इस दिन सबसे ज्यादा मरीज ठीक हुए. स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत स्थापित भारतीय एसएआरएस-सीओवी-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, एनबी 1.8.1 और एलएफ .7 – देश में जेएन.1 कोविड वैरिएंट पाए गए. इन वेरिएंट के कारण कोरोना का मामलों में बढ़ोतरी हो रही है.
WHO ने कही ये बात
अब तक, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने दोनों वेरिएंट को चिंताजनक नहीं बताया है. इन प्रकारों से जुड़े सामान्य लक्षणों में बुखार, नाक बहना, गले में खराश, सिरदर्द, थकान और थकावट शामिल हैं. यद्यपि इन वेरिएंट में प्रतिरक्षा को चकमा देने की क्षमता हो सकती है, तथापि वर्तमान में ऐसा कोई साक्ष्य नहीं है जो यह बताए कि वे दीर्घकालिक गंभीर संक्रमण का कारण बन सकते हैं. हाल ही में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने देश को आश्वस्त किया कि चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि संक्रमण गंभीर नहीं है. बहल ने यह भी आश्वासन दिया कि सरकार सक्रिय रूप से मामलों की निगरानी कर रही है.