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गाय को गले लगाने से उपचार ! 16 हजार रुपये दे रहे हैं 1 घंटे के लिए, कई जगह एडवांस बुकिंग

Manoj Rautela by Manoj Rautela
24/05/21
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गाय को गले लगाने से उपचार ! 16 हजार  रुपये दे रहे हैं 1 घंटे के लिए, कई जगह एडवांस बुकिंग
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मनोज रौतेला की रिपोर्ट :
दिल्ली : हिन्दू धर्म में गाय को पूजा जाता है लगता है अमेरिका के समझ आजकल आ रही है. आजकल कोरोना के चलते वहां पर लोग एक घंटे के लिए लगभग 16 हजार तक दे रहे हैं. कई जगह तो एडवांस बुकिंग भी चल रही है जो गाय पालते हैं. भारत में परछाईं काल में जो होता था क्या वही फिर से दोहराया जा रहा है ? लेकिन चेंतन का विषय है. क्या सच में इस तरह की घटनाओं से विश्व गुरु बनने जा रहा है जो लोग कह रहे हैं संत, महात्मा, वर्तमान सरकार ? लेकिन चेंतन का विषय जरूर है. क्योँकि कोरोना काल ने लोगों की सोच बदल दी है. अमीर कह रहा है पैसा कुछ नहीं है गरीब कह रहा है पैसा बहुत कुछ है सब कुछ नहीं है. किसकी मानें लेकिन चिंतन का विषय जरूर है.

कोरोना काल में ‘काऊ हग थेरेपी’ आई है यानी गाय गले लगाने की थेरेपी. कोरोना महामारी की वजह से कई देशों में लंबा लॉकडाउन रहा है लोग घरों में कैद रहे अमेरिका में भी लंबे समय तक घरों में कैद रहने की वजह से लोगों में अकेलापन सहित मानसिक बीमारियों ने जन्म लिया है. अब इन दिक्कतों को दूर करने के लिए अमेरिका में गायों को गले लगाने का चलन भी बढ़ गया है सीएनबीसी की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि यहां लोग गायों को गले लगाने के लिए 1 घंटे का ₹16000 तक दे रहे हैं फोर्स ने भी इसी साल मार्च महीने में गाय को गले लगाने की थेरेपी पर एक स्टोरी पब्लिश की थी जिसके मुताबिक अमेरिका में कोरोना महामारी में गाय पालन का काम काफी लोकप्रिय हुआ है. कोरोना महामारी में गाय कितनी महत्वपूर्ण है इसकी झलक अमेरिका में देखने को मिल रही है. यहां गाय को गले लगाने पर बसे लोगों को स्वास्थ्य लाभ मिल रहा है. उन्हें दिमागी रूप से शांति मिल रही है और सीएनबीसी की एक रिपोर्ट में बताया गया कि गाय को गले लगाने के लिए लोग प्रति घंटा 15 से 16 हजार रुपए तक दे रहे हैं.

भारत में कांग्रेस नेता मिलिंद देवड़ा ने भी वीडियो शेयर कर गाय को हक करने की थेरेपी की तारीफ की है गाय को गले लगाने से क्या क्या फायदा हो रहे हैं इस पर सीएनबीसी ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि कोरोना मैं उनकी वजह से लोग घरों में कैद हैं ऐसे अकेले सहित कई मानसिक बीमारियों का शिकार हो रहे हैं ऐसे में गाय को गले लगाने से उन्हें फायदा होता दिख रहा है इनमें कुछ महिलाएं दावा कर रही है कि गाय को गले लगाने से उन्हें मानसिक शांति मिली है और इसके अलावा अकेला दूर करने में भी गाय बहुत कारगर साबित हो रही है इसके अलावा निराशा दूर करने और लोग भी गाय के गले लगाने की थी से फायदा ले रहे हैं पहले गाय के पास कुछ देर तक घूमते हैं लोग और फिर उसके बाद गले लगाते हैं. अमेरिका में गायों को पालने के लिए बड़े-बड़े फार्म होते हैं जहां दूध का उत्पादन होता है. एक रिपोर्ट में कहा गया है की गाय को गले लगाने से स्वास्थ्य लाभ होता है. जहां गाय होती है वहां लोग पहले से दो-तीन 2 से 3 घंटे घूमते हैं फिर गाय को गले लगाते हैं. दुलारते है गाय को.

सबसे अहम जो बात कही उन्होंने माना जाता है कि गाय का पालना सकारात्मकता को बढ़ावा देता है और ऑक्सीटॉसिन को बढ़ाकर तनाव को कम करता है गले लगाने के लिए एडवांस बुकिंग हो रही है, अब 4 साल मार्च महीने में गाय को गले लगाने की अपील की थी जिसके मुताबिक अमेरिका में महामारी में गाय पालन का काम काफी लोकप्रिय हुआ है अकेली गवली ने वाशिंगटन पोस्ट की एक रिपोर्ट में बताया है कि गाय पालने के लिए फीस ले रही है इतना ही नहीं मालिक को इस सेवा से जुड़े हर दिन लगभग 20 फोन आते हैं उनके यहां तो गायों को गले लगाने के लिए एडवांस बुकिंग भी चल रही है मार्च में ही जुलाई तक बुकिंग हो गई थी गले लगाने से खुद को भी बहुत अच्छा लगता है. पशु एक्सपर्ट की मानें तो एक अध्ययन में बताया गया कि गाय की गर्दन और पीठ के ऊपरी हिस्से पर मालिश करने पर उसे बहुत आराम पहुंचता है उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि गले लगाने से तनाव कम होता है और दिल की बीमारी में भी फायदा होता है 2011 में उसके लिए एक आर्टिकल लिखा जिसमें कहा कि हर दिन में कम से कम 4 बार लगाना चाहिए वही और अच्छा होगा अगर दिन में 8 बार गले लगाएं.

अब जो मारने वाली गाय होती हैं उनके लिए क्या जवाब है यह भी चिंतन का विषय है. हमारे भारत में कई प्रांतों में अलग अलग नस्ल की गायें पायी जाती हैं. अधिकतर गाय मारती नहीं हैं कुछ होती हैं तो उनको सुधारा जा सकता है. लेकिन एक बात तय है इंसान जानवरों के साथ रहता था फिर उसने धीर धीर छोड़ दिया फ़्लैट, बंगलो, कोठियों में रहने लग गया. अपने बारे में सोच रहा है जानवरों के बारे में नहीं जिसने इंसान को वर्षों ज़िंदा रखा स्वस्थ रखा. सोचिये एक बार……

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