नई दिल्ली: भारत सरकार ओटीटी पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को लेकर नए नियम लागू करने की दिशा में काम कर रही है. सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस नियम को लागू करने की तैयारियां शुरू कर दी है. इस नियम के मुताबिक प्लेटफॉर्म पर दिखाई जाने वाली सामग्री में अपशब्दों पर बीप लगाना होगा और अश्लील दृश्यों को ब्लर करना होगा. इस नियम का उद्देश्य आपत्तिजनक कंटेंट ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले कंटेंट पर नियंत्रण लगा और देश के इतिहास व संस्कृति को सही ढंग से प्रस्तुत करना है.
भारत में ओटीटी प्लेटफॉर्म की बढ़ती लोकप्रियता के बीच भारतीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने पर प्लेटफॉर्म पर मौजूद कंटेंट की गुणवत्ता और सटीकता को सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का फैसला किया है. हाल ही में नेटफ्लिक्स की सीरीज आईसी 814 में देश के इतिहास को गलत तरीके से दिखाने के मामले ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया. अब मंत्रालय ने सीरीज निर्माताओं पर सख्ती दिखा रहा है. इस तरह के कंटेंट अपराध दर में वृद्धि का कारण बन रहे हैं.
‘बढ़ रहा है क्राइम’
एक्टिविस्ट उदय माहुरकर ने बताया आजतक को बताया कि वक्त को देखते हुए ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लील कंटेंट को पूरी तरह से रोका जाए. कुछ मामलों में नाबालिगों ने इस कंटेंट को देखकर क्राइम किए हैं. यह स्थिति अब किसी गंभीर संकट का कारण बन सकती है. मैंने सरकार और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ डेटा साझा किया है. मैंने उन्हें बताया है कि इस तरह के कंटेंट जो आसानी से उपलब्ध हैं. उनसे काफी नुकसान हुआ है. अब सरकार को इस पर कार्रवाई करने की जरूरत है, मेरा मानना है कि केवल तस्वीरों या वीडियो को ब्लर करना जरूरी नहीं होगा.
“देश भर में अपराध दर और जिस तरह से बलात्कार हो रहे हैं, उस पर एक नजर डालने से आपको पता चल जाएगा कि पिछले कुछ महीनों में यह कंटेंट कितने नुकसानदायक हैं. ऐसे मामले सामने आए हैं, जहां नाबालिगों ने नाबालिगों के साथ बलात्कार किया है, भाइयों अपनी बहनों से बलात्कार किया है, ऑनलाइन और ओटीटी प्लेटफॉर्म पर अश्लील कंटेंट देखने के बाद अगर इसे नहीं रोका गया तो हमारे सामने बहुत मुश्किल स्थिति होगी.”
‘कंटेंट पर चलेगी कैंची?’
सूत्रों ने आजतक को बताया कि सरकार अब ओटीटी पर प्रसारित होने से पहले कंटेंट पर कैंची चलाने की दिशा में काम कर रही है. इस बार नियमों का पालन सुनिश्चित करने का दायित्व ओटीटी प्लेटफॉर्म और कंटेंट निर्माताओं पर होगा. इसके अनुपालन में असफल रहने पर कानूनी कार्रवाई भी होगी.
वहीं, सरकार ने इस दिशा में काम शुरू कर दिया है कि वह बड़े ओटीटी प्लेटफॉर्म जैसे नेटफ्लिक्स, अमेजन और जियो के साथ चर्चा कर रही है. इन चर्चाओं का मकसद ये समझना है कि खासकर भारतीय पृष्ठभूमि पर आधारित सीरीज बनाने में क्या सोच और दृष्टिकोण अपनाया है.
सरकार ने हितधारकों के साथ सलाह करना शुरू कर दिया है. आईबी मंत्रालय में चर्चा शुरू हो गई है. सरकार नियम बनाएगी और फिर उन्हें सार्वजनिक परामर्श के लिए रखा जाएगा.
प्रस्तावित नियमों का उद्देश्य अनुचित कंटेंट को नियंत्रित करने के साथ-साथ अंतरंग दृश्यों और अपशब्द भाषा के इस्तेमाल को भी कम करना है. ये दिशा-निर्देश जल्द ही सार्वजनिक परामर्श के लिए जारी किया जाएगा, सरकार तमाम बड़े प्लेटफॉर्म पर कंसल्टेशन के दौरान कंटेंट क्रिएटर्स से उस रिसर्च का ब्योरा देने को भी कहा जा रहा है, जिसमें वो सीरीज या फिल्म बनाने से पहले करते हैं. सरकार सुनिश्चित करना चाहती है कि ओटीटी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल सही दिशा में हो और भारतीय संस्कृति, इतिहास को सही ढंग से प्रदर्शित किया जाए.